गुरदासपुरः उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के पूरनपुर में उत्तर प्रदेश पुलिस व पंजाब पुलिस के साझा ऑपरेशन में मारे गए तीनों आतंकियों का बीते दिन स्वजनों की शिनाख्त के बाद पोस्टमार्टम कर दिया गया था। वहीं सरहदी कस्बा कलानौर की पुलिस चौंकी बक्शीवाल पर 18 दिसंबर की रात को ग्रेनेड हमला करने वाले आरोपियों का शव आज गुरदासपुर लाया गया। दरअसल, यह तीनों आतंकी (KZF) खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स संगठन के मैंबर थे, जिन्हें विदेश में बैठकर जगजीत सिंह उर्फ फतेह सिंह बागी कमांड कर रहा था।
यह तीनों आरोपी सरहदी कस्बा कलानौर थाने के अंतर्गत आते गांव के रहने वाले थे। जिनमें से जसनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह 18 वर्षीय निवासी गांव निक्का शहूर, गुरविंदर सिंह पुत्र गुरुदेव सिंह, 25 वर्षीय निवासी मोहल्ला कलानौर और वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि पुत्र रंजीत सिंह उम्र 23 वर्षीय निवासी गांव अगवान का रहने वाला था यह तीनों ही काफी गरीब परिवार से संबंधित हैं। आज दो लोगों का उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया, लेकिन जब पुलिस गांव शहूर के रहने वाले आरोपी जश्नप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह का शव जब परिवार को सौंपा गया तो परिवार द्वारा शव की जांच करने के बाद परिवार ने उसका अंतिम संस्कार रोक दिया।
दरअसल, परिजनों का कहना था कि उनके बेटे के शरीर पर कोई भी गोली का निशान नहीं है। उसका फेक एनकाउंटर किया गया है, जिसके चलते उन्होंने संस्कार को रोक दिया। करीब आधे घंटे बाद मौके पर परिवार को मिलने के लिए डीएसपी अमोलक सिंह पहुंचे। डीएसपी ने परिवार के लोगों को आश्वासन दिया कि वह उनके साथ है। उनको पोस्टमार्टम रिपोर्ट भेज दे दी जाएगी। डीएसपी के आश्वासन के बाद परिवार ने जश्नप्रीत के शव अंतिम संस्कार किया। परिवार के लोगों ने कहा कि इस एनकाउंटर की जांच होनी चाहिए। बताया जा रहा है कि यूपी से आते समय जिस एंबुलेंस में मृतक शवों को लाया जा रहा था और रास्ते में वह हादसा ग्रस्त हो गई थी।