
कपूरथला (चंद्रशेखर कालिया)। पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ने के बाद अब रसोई गैस के दाम में होते जा रहे इजाफे से किचन का बजट बिगड़ने लगा है।गैस के बढ़ते दाम के कारण गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की रसोई के चूल्हे से दूर होता जा रहा है। गैस के बढ़ते दाम को देखते हुए गरीब तबके के लोग उपले या फिर लकड़ी पर खाना पकाने को मजबूर हो रहे हैं। 2 महीने के भीतर रसोई गैस के रेट करीब 200 रुपये बढ़े हैं।गौरतलब है कि उज्ज्वला योजना के तहत बेशक सरकार ने हर घर तक गैस सिलेंडर पहुंचाया ताकि गरीब परिवार की महिलाओं को चूल्हे व लकड़ी जलाने से छुटकारा मिल सके।मगर अब गैस सिलेंडर के आसमान छूते दामों के कारण न तो गरीब परिवार गैस सिलेंडर भरवा पा रहे हैं व न ही उन्हें लकड़ी व अन्य ईंधन जलाने से निजात मिली है।
महंगे गैस सिलेंडर भरवाने से असमर्थ हुए परिवार अब फिर से लकड़ी से चूल्हे जलाने को मजबूर हो गए हैं।जिससे न केवल उनकी सेहत प्रभावित हो रही है, बल्कि पर्यावरण भी दूषित होता है।शिव सेना हिन्द यूथ विंग के राष्टीय उपाध्क्षय दीपक छाबड़ा ने मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला।उन्होंने तेल और गैस के दामों में बढ़ोतरी को केंद्र की ओर से लोगों को लूटने वाली डाकू सरकार करार दिया है।देश के सभी मेट्रो शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं।इतना ही नहीं एलपीजी गैस सिलेंडर के भी दाम में वृद्धि दर्ज की गई है।
देश में लगातार बढ़ती महंगाई को लेकर दीपक छाबड़ा ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।दीपक छाबड़ा ने कहा कि मोदी सरकार देश को मंहगाई की आग में झोंक रही है और भाजपा के वरिष्ठ नेता आए दिन बढ़ते दामों को लेकर बेशर्मी भरे बयान दे रहे हैं।उन्होंने कहा प्रधानमंत्री खुद के मन की बात कर रहे हैं,लेकिन देश के मन की बात को नहीं समझ रहे।कांग्रेस सरकार के समय दो रुपए की बढ़ोत्तरी होने पर भी भाजपा के लोग अर्धनग्न होकर सड़कों पर निकल पड़ते थे।खुद प्रधानमंत्री इसे सरकार की विफलता बताते थे,अब इन सब लोगों के मुंह में दही क्यों जमा है? चुनाव के समय लोगों से पेट्रो और गैस के दाम याद रखने का आह्वान किया जाता था।
दीपक छाबड़ा ने कहा कि खुद प्रधानमंत्री जनता को यह कहकर महंगाई को याद रखने की नसीहत देते थे कि बूथ में जाने और वोट करने से पहले रसोई गैस और तेल की कीमतों को याद कर लेना।तेल और गैस के बढ़ते दामों ये लोगों की जेब में आग लगा दी है।मार्च के पहले दिन ही गैस के दाम बढ़ाकर महिलाओं को रसोई का बजट बिगडऩे का तोहफा इस सरकार की ओर से दिया गया है।लोगों को होली से पहले बढ़े दामों का तोहफा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल पर आम आदमी केंद्र और राज्य को टैक्स के रूप में 60 प्रतिशत राशि चुकाता है जबकि डीजल के लिए उसे 54 प्रतिशत रकम चुकानी रही है। मौजूदा समय में केंद्र सरकार पेट्रोल पर प्रति लीटर 32.90 रूपये का टैक्स वसूलती है जबकि डीजल के लिए यह 31.80 रुपये है।फरवरी के मध्य से अब तक पेट्रोल के दामों में प्रति लीटर 19.7 रुपये की बढ़ोत्तरी हो चुकी है जबकि इसी दौरान डीजल के दाम 17.41 रूपये प्रति लीटर बढ़े हैं।इसकी इकलौती वजह अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कम होती कीमतों के दौरान भी सरकार की ओर टैक्स को बढ़ाना रहा। देशहित का स्वांग रचाकर लोगों को भावनात्मक रूप से बेवकूफ बनाने वाली भाजपा सरकार दामों को नियंत्रित करने का कोई कदम नहीं उठा रही।लॉक डाउन ने पहले ही लोगों के रोजगार छीन लिए,लोगों को एक एक पैसे का मोहताज कर दिया।