दूसरी ओर पार्टी ने भी चारों सीटों से चुनाव ना लड़ने का किया ऐलान
अमृतसरः अकाली के सीनियर नेता सुखबीर बादल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही। वहीं आज सुखबीर बादल को लेकर अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञान रघबीर सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान बेअदबी के आरोपों के कारण शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पंजाब में उपचुनाव नहीं लड़ पाएंगे। पत्रकारों से बात करते हुए ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल एक सांप्रदायिक (पंथक)पार्टी है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी नेता पंजाब में चार सीटों पर होने वाले उप चुनाव में भाग ले सकते हैं, लेकिन सुखबीर बादल उपचुनावों में भाग नहीं ले सकते। क्योंकि कुछ समय बाद श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से उनके खिलाफ फैसला आने वाला है। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि जब तक सुखबीर सिंह बादल को सजा नहीं सुनाई जाती तब तक वह उप चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। वहीं दूसरी ओर पंथक संकट से घिरी शिरोमणि अकाली दल (SAD) की आज पार्टी की कार्यसमिति और जिला प्रधानों की बैठक करीब दो घंटे चली। इस बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। जिसके बाद पार्टी ने चार सीटों पर होने वाले उप चुनाव न लड़ने का फैसला किया।
पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी है। हालांकि पार्टी एसजीपीसी के प्रधान पद के लिए होने वाले चुनाव में हिस्सा लेगी। उन्होंने कहा कि हम हमेशा श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का पालन करते हैं। 30 अगस्त को प्रधान तनखैया घोषित किए गए। 31 तारीख को वह अकाल तख्त साहिब में पेश हुए। लेकिन काफी समय बीत चुका था। कई बार सिंह साहिब से फैसला देने का आग्रह किया गया।
लेकिन अब चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है। लोग चाहते थे कि प्रधान सुखबीर बादल गिद्दड़बाहा हलके से चुनाव लड़ें। लेकिन कल जैसे ही जत्थेदार साहब का आदेश आया, यह साफ हो गया कि वह प्रचार नहीं कर सकते। पूरी पार्टी ने फैसला किया है कि हम श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले से आगे नहीं जाएंगे। इस दौरान मैंने चुनाव से बाहर रहने का फैसला किया है। इससे पहले मीटिंग की अध्यक्षता कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने की। जिसमें हर मेंबर से राय ली गई। वहीं, चुनाव लड़ने का प्रस्ताव पास किया। यह फैसला उस समय लिया गया है जब पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब ने तनखैया घोषित कर रखा है।
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने पहले ही साफ कर चुके हैं कि तनखैया तब तक तनखैया ही रहता है, जब तक उसकी तनखा पूरा नहीं हो जाती है। उसकी सजा के बारे में फैसला दिवाली के बाद लिया जाएगा। ऐसे में साफ है कि सुखबीर बादल चुनाव प्रचार नहीं कर सकते हैं और न ही चुनाव लड़ सकते हैं। मीटिंग से पहले अकाली नेता विरनजीत सिंह गोल्डी का कहना है कि अगर सुखबीर सिंह बादल को प्रचार का हक नहीं होगा। तो हम इलाके में कैसे जाएंगे। ऐसे में मैं तो यहीं कहूंगा कि इस स्थिति में चुनाव में नहीं जाना चाहिए।