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अमृतसरः शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी की बैठक में श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं को बीते दिन समाप्त कर दिया था। जिसके बाद अब शिरोमणि कमेटी द्वारा इस फैसले के बाद ज्ञानी हरप्रीत सिंह को भेजा गया पत्र सार्वजनिक किया गया। दरअसल, बीते दिन बैठक अमृतसर स्थित एसजीपीसी मुख्यालय तेजा सिंह समुद्री हॉल में हुई, जिसकी अध्यक्षता एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने की। बैठक में ज्ञानी हरप्रीत सिंह की जांच कर रहे कमेटी की रिपोर्ट को मान लिया गया। जिसके बाद ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं को समाप्त करने का फैसला लिया गया।
इस दौरान कुछ एसजीपीसी सदस्यों ने फैसले का विरोध भी किया, लेकिन बहुमत में फैसला लिया गया। मिली जानकारी के अनुसार ज्ञानी जगतार सिंह तख्त श्री दमदमा साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार बनाया गया। ज्ञानी हरप्रीत सिंह को एसजीपीसी ने पहले ही निलंबित कर दिया था और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के कथित कर्तव्यों के उल्लंघन और प्रशासनिक अनियमितताओं की जांच के लिए एसजीपीसी ने जांच कमेटी का गठन किया था।
उल्लेखनीय है कि श्री मुक्तसर साहिब निवासी गुरप्रीत सिंह ने दावा किया था कि उसकी शादी जत्थेदार की साली से हुई है। उसने 16 दिसंबर, 2024 को एसजीपीसी अध्यक्ष के समक्ष जत्थेदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि जत्थेदार ने उनके विवाहित जीवन में हस्तक्षेप किया और उनकी पत्नी को बहकाया, जिसके कारण उनका तलाक हो गया। उन्होंने दावा किया कि जत्थेदार ने उन्हें परेशान करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और उन्हें अदालती मामलों में उलझाया। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि वह एसजीपीसी के कर्मचारी थे, लेकिन उनकी नौकरी चली गई और वे अवसाद में चले गए।