
अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आज आंतरिक कमेटी की बैठक हुई। जिसमें 2 तख्तों के जत्थेदारों को उनकी सेवाओं से मुक्त कर दिया गया। एस.जी.पी.सी. सदस्य कुलवंत सिंह पुडैन ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि आज की बैठक के दौरान जत्थेदार के रूप में ज्ञानी रघबीर सिंह की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। लेकिन एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे पर चर्चा नहीं हो पाई। एक अन्य फैसले में तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह को भी हटा दिया गया।
तख्त श्री केसगढ़ साहिब की जिम्मेदारी अब ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज के पास होगी। उनके पास ही श्री अकाल तख्त साहिब का एडिशनल चार्ज रहेगा। ज्ञानी बाबा तेग सिंह को श्री दमदमा साहिब की जिम्मेदारी दी गई है। एसजीपीसी सदस्य जसवंत सिंह पुड़ैण ने बताया कि 2 दिसंबर के फैसले के कारण ही दोनों तख्तों के जत्थेदारों को हटाया गया है। इसके पीछे दो बड़े कारण रहे। पहला, ज्ञानी रघबीर सिंह बिना बताए फैसले ले रहे थे और दूसरा वे विदेश भी बिना बताए जा रहे थे। इस कारण उन्हें पद से हटा दिया गया। कल ही एडवोकेट धामी अमृतसर पहुंचे थे और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि कल ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात के बाद धामी ने मीडिया के सामने अपना इस्तीफा वापस लेने से साफ इनकार कर दिया था। हरजिंदर सिंह धामी ने बीते दिन ही स्पष्ट किया था कि उन्होंने एसीपीसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा पहले ही दे दिया है और वह अपने फैसले पर अडिग हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि वह किसी भी हाल में अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। धामी ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यों को अब कारज समिति (वर्किंग कमेटी) और संबंधित समितियां आगे बढ़ाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह एसीपीसी और अकाली दल के मामलों में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेंगे।