![Innocent Heart School](https://encounternewspaper.com/wp-content/uploads/2024/11/Innocent-1080-x150.jpg)
अमृतसरः शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी की बैठक में श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं को बीते दिन समाप्त कर दिया गया। बीते दिन बैठक अमृतसर स्थित एसजीपीसी मुख्यालय तेजा सिंह समुद्री हॉल में हुई, जिसकी अध्यक्षता एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने की। बैठक में ज्ञानी हरप्रीत सिंह की जांच कर रहे कमेटी की रिपोर्ट को मान लिया गया। जिसके बाद ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं को समाप्त करने का फैसला लिया गया।
जिसके बाद ज्ञानी जगतार सिंह तख्त श्री दमदमा साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार बनाया गया। वहीं इस मामले को लेकर पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाने का विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जत्थेदार हरप्रीत सिंह को पद से हटाने के लिए बादल परिवार और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बहुत ही खराब रवैया और गलत रास्ता चुना है। आरोप है कि बादल परिवार ने जत्थेदार साहब से अपनी दुश्मनी निकाली है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को जत्थेदार हरप्रीत सिंह को हटाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब जाकर सार्वजनिक रूप से अतीत में हुए अपराधों को स्वीकार किया, लेकिन पिछली गलतियों को सुधारने के बजाय और अधिक गलतियां करने पर उन्होंने जोर दिया। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब का आदेश भी मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल और उनके साथी अहंकार से भरे हुए हैं और सत्ता के भूखे हैं। पूर्व मंत्री ने कहा जत्थेदार को उनके पद से हटाने को लेकर सिख संगत को यथासंभव विरोध करना चाहिए ताकि पंथ के व्यापक हितों की रक्षा हो सके।