नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव खत्म हुए एक महीने से ज्यादा वक्त हो चुका है। इसके बावजूद भी राज्य में चुनाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोपों के दौरे अभी भी जारी है। वहीं राज्य में हुए चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी की तरफ से लगाए गए तमाम आरोपों का जवाब चुनाव आयोग की तरफ से दिया गया है।
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से लेकर मतदान प्रतिशत में गड़बड़ी के कांग्रेस पार्टी के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि आयोग ने कांग्रेस के दावों की विस्तार से जांच की है और पार्टी द्वारा लगाये गये आरोप निराधार हैं। चुनाव आयोग ने मंगलवार को कांग्रेस को लिखे पत्र में उसके सभी दावों तथा आरोपों का तथ्यों के आधार पर विस्तार से जवाब दिया।
आयोग ने कहा है कि महाराष्ट्र में चुनाव से पहले मतदाता सूची में जानबूझकर न तो नाम जोड़े गये हैं और न ही हटाये गये हैं। आयोग ने कहा है कि चुनाव से पहले छह विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में 50 हजार नाम जोड़े गये हैं लेकिन इसके आधार पर यह दावा नहीं किया जा सकता कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली महायुति ने इसके कारण 47 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की है। आयोग ने कहा है कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने की नियम आधारित सख्त प्रक्रिया है और इसका पूरी तरह पालन किया जाता है।
आयोग ने मतदान समाप्त होने के समय पांच बजे के बाद मतदान प्रतिशत के बढने से संबंधित कांग्रेस के सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि मतदान आंकड़ों के पहुंचने में समय लगता है और बाद में मतदान प्रतिशत का बढना असमान्य नहीं बल्कि सामान्य बात है। उन्होंने कहा कि मतदान प्रतिशत में बदलाव करना मुमुकिन नहीं है क्योंकि मतदान समाप्त होने के बाद मतदान के आंकड़ों की जानकारी देने वाला फार्म 17 सी मतदान केन्द्र पर मौजूद सभी पार्टियों के अधिकृत एजेन्टों को दिया जाता है।