
नई दिल्लीः ओडिशा के जिला पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर का खजाना आज (14 जुलाई) को 46 साल बाद खोला गया। इस दौरान भंडार गृह में सरकार के प्रतिनिधि, ASI के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि और 4 सेवादारों समेत 11 लोग मौजूद रहे थे।
मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी का कहना है कि आउटर रत्न भंडार का सामान लकड़ी के 6 बक्सों में डाल करके सील किया गया है। लेकिन इनर रत्न भंडार का सामान शिफ्ट नहीं किया जा सका। बाकि का काम अब बहुडा यात्रा और सुना वेशा के बाद किया जाएगा।
कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस रथ के मुताबिक दोनों रत्न भंडार के दोनों हिस्सों में नए ताले लगा दिए गए हैं। यहां से मिले कीमती सामानों की डिजिटल लिस्ट त्यार कि जाएगी। जिसमें उनके वजन और निर्माण जैसे डिटेल आदी शामिल होंगे।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सुपरिंटेंडेंट डीबी गडनायक ने बताया कि मरम्मत के लिए रत्न भंडार का सर्वे किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि रत्न भंडार का दूसरा दरवाजा खुलते ही SP पिनाक मिश्रा बेहोश हो गए, हालांकि इसका कारण पता नहीं चल पाया, जिनका इलाज मंदिर परिसर में ही किया गया।
रत्न भंडार आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था। 2018 में हाईकोर्ट के निर्देश पर रत्न भंडार को खोलने की कोशिश हुई लेकिन असली चाबियां न होने से कार्य नहीं हो सका। यही मुद्दा भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में भी रखा था, जिसे सरकार बनते ही पूरा किया।