
नई दिल्ली : महाराष्ट्र में गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। अब तक राज्य में इस दुर्लभ बीमारी के 225 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 197 की पुष्टि हो चुकी है और 28 संदिग्ध हैं। इस बीमारी के चलते अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें छह की पुष्टि हुई है और छह संदिग्ध मामले हैं। जानकारी के मुताबिक यह सभी मामले पुणे नगर निगम, पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम, पुणे ग्रामीण और अन्य जिलों से सामने आए हैं।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 179 मरीज अभी तक ठीक हो चुके हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। वहीं 24 मरीज गहन देखभाल में हैं, जिनमें से 15 को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।
पुणे नगर निगम और ग्रामीण इलाकों में निगरानी तेज कर दी गई है। राज्य सरकार ने घर-घर निगरानी अभियान भी शुरू किया है, जिसमें अब तक 89,699 घरों का सर्वे किया जा चुका है। राज्य सरकार ने जीबीएस के बढ़ते मामलों को देखते हुए निगरानी बढ़ा दी है। प्रभावित मरीजों के लिए पर्याप्त उपचार और संसाधन सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों के साथ समन्वय कर रही है। स्थिति का आकलन करने के लिए एक राज्य-स्तरीय टीम को तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया। इसे लेकर स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। साथ ही चिकित्सा सुविधाओं को अलर्ट मोड पर रखा गया है। जानकारी के मुताबिक जीबीएस एक दुर्लभ और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है। स्वाइन फ्लू की तरह इस बीमारी के लक्षण होते हैं, जिसमें सर्दी, जुकाम और जेलस बुखार आता है। इसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और शरीर के अंग सुन्न पड़ जाते है।
वहीं एंटीगैंग्लियोसाइड एंटीबॉडी परीक्षण के लिए बंगलूरु में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान को 82 सीरम सैंपल भेजे गए हैं। वहीं राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें नागरिकों से संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए निवारक उपाय करने और स्वच्छता बनाए रखने का आग्रह किया गया है। तो वहीं अधिकारियों ने लोगों को सलाह दी है कि वे केवल उबला हुआ पानी पीकर और ताजा, स्वच्छ भोजन खाकर पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। लोगों को बासी या आंशिक रूप से पका हुआ भोजन, विशेष रूप से चिकन और मटन न खाएं। पुणे नगर निगम और पुणे ग्रामीण के अधिकारियों को निगरानी गतिविधियों को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है। शहर के विभिन्न हिस्सों से 7,262 पानी के सैंपल रासायनिक और जैविक विश्लेषण के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। इसमें से अब तक 144 जल स्रोत दूषित पाए गए, इस पर कार्रवाई की गई है।