नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में हर तरफ धुआं-धुआं है। राष्ट्रीय राजधानी के क्षेत्रों में एक्यूआई 500 पर पहुंच गया। ऐसे में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम ने अपने पुराने दिशा-निर्देशों को याद दिलाते हुए कहा है कि यह प्रदूषण का आपातकाल है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार सातवें दिन भी प्रदूषण का स्तर ‘खतरनाक’ बना हुआ है। मंगलवार की सुबह भी दिल्ली का औसत एक्यूआई 488 दर्ज किया गया, जो कि इस मौसम में एक्यूआई का सबसे खराब स्तर है।
वहीं दिल्ली के आनंद विहार समेत कई इलाकों में एक्यूआई 500 पर पहुंच चुका है। दिल्ली में GRAP 4 भी लागू है, जिसके तहत प्रदूषण के प्रकोप को कम करने की कोशिश सरकार की ओर से की जा रही है। हालांकि कई कोशिशों के बावजूद फिलहाल AQI में कोई सुधार नहीं हुआ है। इस बीच दिल्ली सरकार ने घोषणा की कि मंगलवार से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई ऑनलाइन होगी। वहीं शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश में कहा, “शिक्षा निदेशालय, एमसीडी, एनडीएमसी और डीसीबी के तहत 10वीं और 12वीं सहित सभी कक्षाओं के सरकारी, गैर सरकारी स्कूल अगले आदेश तक ऑनलाइन मोड में चलेंगे।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता को देखते हुए डॉक्टरों ने इसके स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में चिंता जताई है और आगाह किया है कि जहरीली हवा न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से कमजोर समूहों को बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। डॉक्टरों ने लोगों को बाहरी गतिविधियों को सीमित करने, शरीर में पर्याप्त तरल पदार्थ सुनिश्चित करने और घर के अंदर ठोस कण के स्तर को कम करने के लिए एचईपीए फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह दी है।