कटड़ाः श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक और त्वरित बनाने के लिए नई-नई योजनाएं लाता रहता है जिससे श्रद्धालु आराम से माता के दर्शन कर सकें। अब श्राइन बोर्ड ने लंबे समय से प्रतीक्षित रोपवे परियोजना को लागू करने का निर्णय किया है।
पारंपरिक मार्ग से 13.5 किलोमीटर की यात्रा में श्रद्धालु केबल कार में ताराकोट से सांझीछत तक मात्र 6 से 8 मिनट में पहुंच जाएंगे। केबल कार से सीधी चढ़ाई करने के बाद श्रद्धालुओं को सांझीछत से भवन तक मात्र डेढ़ से दो किलोमीटर की यात्रा ही पैदल या घोड़े पर करनी पड़ेगी। करीब 350 करोड़ रुपये की यह महत्वपूर्ण परियोजना 2 वर्ष में पूरी होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसका निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। श्रद्धालु वर्ष 2026 में केबल कार में सवार हो प्राकृतिक नजारों का आनंद लेते हुए बादलों के बीच अपनी रोमांचक यात्रा कर सकेंगे।
सी.ई.ओ. अंशुल गर्ग ने कहा कि रोपवे परियोजना एक परिवर्तनकारी परियोजना होगी, विशेषकर उन तीर्थयात्रियों के लिए, जिन्हें मंदिर तक जाने के लिए 13 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ना चुनौतीपूर्ण लगता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल माता वैष्णो देवी की यात्रा ने 95 लाख तीर्थयात्रियों से अधिक का नया रिकॉर्ड बनाया। रोपवे से विशेष रूप से बुजुर्ग तीर्थयात्रियों और उन लोगों को लाभ होगा जो शारीरिक कमियों या हैलीकॉप्टर सेवाओं की सीमित क्षमता के कारण कठिन यात्रा पूरी नहीं कर सकते।
इसके अलावा बोर्ड ने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान स्थानीय हितधारकों की चिंताओं पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है, जिससे श्रद्धालुओं को त्रिकुटा पहाड़ियों के शानदार दृश्य देखने को मिलेंगे, जिससे आध्यात्मिक और सुंदर अनुभव में वृद्धि होगी।