
नई दिल्लीः कल से यानी 1 अप्रैल से कई बदलाव हो रहे है। इसी दिन नया बजट भी लागू होगा। जो कई बदलाव लेकर आ रहा है। आयकर छूट या सब्सिडी जैसे फायदे 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाते हैं, क्योंकि ये वित्तीय वर्ष के साथ जुड़े होते हैं। वहीं इन्फ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाएं, सामाजिक कल्याण योजनाओं का फायदा मिलने में समय लगता है, क्योंकि इनपर काम करने की एक लंबी प्रोसेस होती है।
6 बदलाव जो आज रात से हो जाएंगे लागू
1. टैक्स स्लैब में बदलाव: न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 12 लाख रुपए तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए हो जाएगी। न्यू टैक्स रिजीम में 20 से 24 लाख की इनकम के लिए 25% टैक्स का नया स्लैब भी शामिल किया गया है।
2. TDS लिमिट की सीमा बढ़ी: कुछ भुगतानों पर TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) की सीमा को बढ़ाया गया है। रेंट से होने वाली इनकम पर TDS की सीमा ₹2.4 लाख से बढ़कर ₹6 लाख हो गई है। बैंक एफडी से ब्याज आय अर्जित करने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस सीमा ₹50 हजार से बढ़कर ₹1 लाख हो गई है। प्रोफेशनल सर्विस पर TDS की सीमा अब 30 हजार से बढ़कर 50 हजार हो गई है।
3. TCS लिमिट की सीमा बढ़ी: विदेश में पढ़ाई के लिए पैसा भेजने पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) की लिमिट अब 7 लाख रुपए से बढ़कर 10 लाख रुपए हो गई है। वहीं अगर पैसा किसी फाइनेंशियल आर्गेनाइजेशन जैसे बैंक आदि से लोन लिया गया हो टीसीएस नहीं लगेगा।
4. अपडेटेड रिटर्न भरने के लिए ज्यादा समय: अब टैक्सपेयर्स असेसमेंट ईयर के अंत से 24 महीने के बजाय 48 महीने तक अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। इसकी कुछ शर्तें हैं।
24 से 36 महीने के बीच दाखिल रिटर्न पर 60% अतिरिक्त टैक्स।
36 से 48 महीने के बीच दाखिल रिटर्न पर 70% अतिरिक्त टैक्स।
असर क्या होगा: इससे करदाताओं को अपनी गलतियों को सुधारने के लिए अधिक समय मिलेगा। स्वैच्छिक अनुपालन भी बढ़ेगा। यानी, किसी व्यक्ति या संगठन का अपनी मर्जी से नियमों, कानूनों का पालन करना।
5. यूलिप पर कैपिटल गेन टैक्स: यदि यूलिप यानी, यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान का प्रीमियम प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपए से अधिक है, तो इसे कैपिटल एसेट माना जाएगा। ऐसे यूलिप को भुनाने से होने वाले किसी भी फायदे पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। यूलिप एक ऐसा प्रोडक्ट है जिसमें प्रीमियम का एक हिस्सा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है।
6. सस्ता-महंगा: सरकार ने फरवरी में पेश किए गए बजट में कुछ प्रोडक्ट पर कस्टम ड्यूटी घटाई थी और कुछ पर बढ़ाई थी। इससे करीब 150-200 प्रोडक्ट प्रभावित होंगे। आम तौर पर वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2025 से कस्टम ड्यूटी में हुए बदलाव लागू होते हैं। हालांकि, कुछ बदलावों की लागू होने की तारीखें केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के नोटिफिकेशन पर निर्भर करती हैं। जैसे, पिछले बजट में कुछ कस्टम ड्यूटी बदलाव (जैसे मोबाइल फोन और कीमती धातुओं पर) 24 जुलाई 2024 से लागू हुए थे।
