
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के उन बैंकों में 14,500 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश अगले कुछ दिनों में करेगा, जो अभी आरबीआई के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन फ्रेमवर्क के अधीन हैं। वित्त मंत्रालय मुख्य रूप से RBI के PCA नियमों के अंतर्गत रखे गए कमजोर बैंकों में अगले कुछ दिनों में 14,500 करोड़ रुपये डाल सकता है. यह फैसला बैंकों की वित्तीय मदद के लिए लिया गया है. इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक वर्तमान में पीसीए फ्रेमवर्क में है, जिसके कारण इनपर तमाम प्रतिबंध लगे हुए हैं. इनमें नए ऋण न देने, प्रबंधन मुआवजा और डायरेक्टर्स की शुल्क आदि शामिल हैं.
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने पूंजी देने को बैंकों की पहचान कर ली है. पूंजी अगले कुछ दिनों में डाली जाएगी. इससे उन बैंकों को ज्यादा लाभ होगा जो प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन के अंतर्गत हैं. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिये 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी का आबंटन किया है.सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से पंजाब एंड सिंध बैंक में पिछले साल नवंबर में 5,500 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गई थी.
बता दें कि इस हफ्ते आरबीआई ने IDBI बैंक को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन(PCA) फ्रेमवर्क से हटा दिया है. इस सप्ताह आईडीबीआई बैंक को वित्तीय प्रदर्शन में सुधार के आधार पर करीब चार साल बाद आरबीआई की पीसीए की पाबंदी से मुक्त किया गया . वित्तीय स्थिति बिगड़ने की वजह से आरबीआई (RBI) ने मई 2017 में IDBI बैंक को PCA फ्रेमवर्क में डाल दिया था
बता दें कि बैंक जब कारोबार करते हुए वित्तीय संकट में फंस जाते हैं. इनको संकट से उबारने को आरबीआई समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी करता है और फ्रेमवर्क बनाता है. प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन इसी तरह का फ्रेमवर्क है, जो किसी बैंक की वित्तीय सेहत का पैमाना तय करता है. यह फ्रेमवर्क समय-समय पर हुए बदलावों के साथ दिसंबर, 2002 से चल रहा है.