
सरगुजाः छत्तीसगढ़ में कई जिलों में तंबाकू मुक्ति का अभियान चलाया है। सरगुजा जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। प्रशासन के अभियान से बेखबर 9 साल की बच्ची ने तंबाकू-गुटखे के सेवन से मना करने पर फांसी लगा जान दे दी। बच्ची इस बात से दुखी थी कि उसकी दादी ने तंबाकू या गुटखा खाने से मना कर दिया। दादी की यह सलाह बच्ची को अच्छी नही लगी और उसने घर के पीछे ही बांस के म्यार में दुपट्टे को फंदा बनाकर अपनी जान दे दी। बच्ची के आत्मघाती कदम उठाने से उसके परिजन सदमे में आ गऐ हैं, वहीं पुलिस और स्थानीय लोग हैरान हैं।
सरगुजा को एक अप्रैल से तंबाकू मुक्त जिला बनाने का अभियान चल रहा है। कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग लगातार जागरूकता अभियान चलाने से लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले खतरों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इस अभियान का कोई भी असर नहीं दिख रहा। संभवतः इसी वजह से सरगुजा के सीतापुर थाना क्षेत्र के भिठुआ गांव में 9 साल की एक बच्ची को दादी की सलाह नागवार गुजरी।
सीतापुर थाने के प्रभारी रूपेश नारंग ने बताया कि भिठुआ ग्राम पंचायत में 9 साल की बच्ची ने घर के पीछे के हिस्से में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मामले की जानकारी मिलने के बाद जब पुलिस पहुंची तो जान देने कि वजह जानकर हैरान रह गई। पुलिस ने तत्काल बालिका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। बाद में उसकी दादी को बुलाया गया, जिसने थाने में बयान दिया कि उसकी 9 साल की नातिन तंबाकू, गुटखा आदि का सेवन करती थी। बीते दिनों दादी ने अपनी नातिन को तंबाकू-गुटखा न खाने की सलाह दी थी। इससे आहत होकर उसने फांसी लगा ली।