
गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज के खजुर्बानी के बहुचर्चित जहरीली शराब कांड में बड़ी सजा का ऐलान हुआ है। यहां एडीजे कोर्ट ने जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में अहम फैसला देते हुए 13 आरोपियों में से 9 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। करीब पांच साल पहले हुए जहरीली शराब के इस मामले में 19 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 6 लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई थी।
जानकारी के मुताबिक खजुर्बानी जहरीली शराब कांड मामले में कुल 14 लोगों को नामजद किया गया था। जिसमें से एक आरोपी ग्रहण पासी की पहले ही मौत हो गई थी। 13 आरोपियों को एडीजे दो कि कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 5 मार्च को सजा का ऐलान करने का तिथि मुकर्रर किया था। शुक्रवार को इसके फैसले पर सभी की नजर थी। इस मामले में एडीजे -2 की कोर्ट लव कुश कुमार ने 9 पुरुष आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। वहीं जहरीली शराब के मामले में ही 4 महिलाओं को भी दोषी मानते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने जैसे ही फांसी की सजा का ऐलान किया, वैसे ही कोर्ट परिसर में दोषियों के परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे। जहरीली शराब के मामले में पहली बार दिए गए इतने सख्त फैसले ने लोगों को चौंका दिया। मौके पर भारी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात कर दिया गया था। फैसले के बाद परिसर में सुरक्षा के इंतजाम सख्त कर दिए गए। सभी दोषियों को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल ले जाया गया।
जहरीली शराब का यह मामला पांच साल पुराना है। 16 अगस्त 2016 को नगर थाना के खजुर्बानी में जहरीली शराब कांड हुआ था। इसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 6 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी। इस मामले में नगर थाना में 14 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया था। केस की सुनवाई में जहरीली शराब में मिथाइल अल्कोहल के मिलाए जाने की पुष्टि की गई थी, जिससे शराब पीने के बाद कई लोगों की मौत हो गई थी।
कोर्ट का फैसला आने के बाद बचाव पक्ष के वकील ने हाईकोर्ट में अपील की बात कही है। वेद प्रकाश तिवारी बताया कि वे इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे। परिजनों ने भी कहा कि वे हाई कोर्ट जाएंगे। वहीं कोर्ट परिसर में मौजूद प्रियंका कुमारी ने बताया कि उनके पति राजेश चौधरी को भी फांसी की सजा सुनाई गई है। लेकिन पुलिस ने गलत तरीके से उनके पति को गिरफ्तार किया था। इस शराब कांड में उनका कोई दोष नहीं था। उनका कसूर बस इतना था कि वे खजुर्बानी में परिवार के साथ रहते थे। जिन्हें फांसी की सजा सुनाई गई है।