
मोहालीः किसान लंबे समय में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है। दो दिन पहले किसानों ने सीएम भगवंत मान के साथ मीटिंग की थी। लेकिन सीएम मान मीटिंग बीच में ही छोड़कर चले गए थे। जिसके बाद बीते दिन कई किसानों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वहीं आज किसान चंडीगढ़ में पक्का मोर्चा लगाने के लिए ट्रैक्टर ट्रालियों में रवाना हो रहे है। दूसरी ओर पंजाब पुलिस किसानों की ट्रालियों को रास्ते में ही रोक रही है।
जिसके बाद कई जगह पर किसानों सड़कों पर ही धरना लगाकर बैठ गए हैं। बता दें कि चंडीगढ़ में भी किसानों को धरना लगाने की अनुमति नहीं मिली है। जिसके चलते चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा भी किसानों के कूच को लेकर तैयारियां कर ली गई। बॉर्डर पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। इस दौरान किसानों को रोकने के लिए बैरिकेंडिंग लगाए गए है।
बता दें कि चंडीगढ़ कूच को लेकर किसानों का कहना है कि जहां सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका, वहीं अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया जाएगा। एहतियात के तौर पर चंडीगढ़ पुलिस ने भारी सुरक्षा तैनात करके शहर के सभी प्रवेश बिंदुओं को सील कर दिया है और यात्रियों को इन मार्गों से बचने की सलाह जारी की है। दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन (एकता-उघराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उघराहां ने किसानों से सड़कों, राजमार्गों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध नहीं करने की अपील की है क्योंकि इससे जनता को असुविधा होगी।
उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे उस स्थान पर सड़क किनारे धरना दें, जहां सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोका है। लेकिन उन्होंने सभी किसान यूनियनों से चंडीगढ़ पहुंचकर और चंडीगढ़ में ‘पक्का मोर्चा’ में शामिल होकर बड़े पैमाने पर विरोध दर्ज कराने की अपील की, जहां प्रशासन ने अभी तक विरोध प्रदर्शन के लिए जगह आवंटित नहीं की है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि किसानों को शहर के एंट्री प्वाइंट पर रोक दिया जाएगा। एसकेएम ने पंजाब सरकार पर विरोध के अधिकार को दबाने का आरोप लगाया है। कृषि नीति के क्रियान्वयन के अलावा एसकेएम की मांगों में भूमिहीन मजदूरों और किसानों को भूमि वितरण जारी करना और किसानों और मजदूरों की कर्ज माफी शामिल है।