इन विभागों की लापरवाही: बिल्डिंग विभाग, बिजली विभाग, वाटर एंड सीवरेज, राजस्व विभाग
जालंधर/अनिल वर्मा। जालन्धर कैंट क्षेत्र के आधीन वडिंग गेट के अंदर एक कालोनाईजर ने अपने लालच की सभी हदें पार करते हुए लोगों के लिए मौत का कुंआ कही जाने वाली अवैध कालोनी काट दी है। इस कालोनी के ठीक ऊपर से बिजली की हाईटैंशन वायर गुजर रही हैं जिसकी सड़क से ऊंचाई 20 फुट भी नहीं है अगर आने वाले दिनों में यहां लोगों ने प्लाट खरीद कर यहां अपने आशियाने बसा लिए तो यहां किसी भी वक्त मौत का तांडव हो सकता है।
बता दें कि इस कालोनी के ऊपर से गुजरने वाली हाईटैंशन वायर 220 केवी,132 केवी तथा 66 केवी की हैं तथा इन तारों के नीचे न तो किसी रिहायश और न ही किसी दुकान का नक्शा पास हो सकता है और न ही कोई निर्माण कर सकता है। मगर फिर भी सरकार के कुछ लालची अफसरों की शह पर यह कालोनाईजर लोगों को मौत के मुंह में धकेलने की सारी हदें पार करता दिखाई दे रहा है।
बिजली विभाग से मिली जानकारी अनुसार वडिंग से होते हुए यह हाईटैंशन वायर जमशेर पतारा तक सप्लाई देती हैं तथा इन तारों को डैम तथा बिजली के बड़े स्टोरेज सैंटरों से फीड मिलती है। यह तारें गर्मियों में सबसे ज्यादा लोड लेती हैं तथा बरसाती दिनों सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। यहां तक कि इन तारों के नजदीक बने घरों में बरसाती पानी या सीलन होने के बाद भी वहां करंट लगने का खतरा बना रहा है।
अगर यह तारें घर की छत तथा नजदीक से गुजर रही हों तो छत पर बरसाती पानी में नंगे पांव खड़े रहने पर भी करंट के जबरदस्त झटके लग सकते हैं जिससे जान जाने का भी खतरा बना रहता है। बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन तारों से कम से कम 8 मीटर की दूरी पर ही घर बनना चाहिए नहीं तो यह खतरनाक हो सकता है।
बता दें कि इस कालोनी में इतनी तेजी से काम चल रहा है कि यहां सीवरेज डालने के बाद अब सड़कें डालने की तैयारी की जा रही है। इस कालोनी में बाहर 12 दुकाने तथा अंदर रिहायशी प्लाट काटे गए हैं। यह कालोनी कहीं और नहीं बल्कि वडिंग के छप्पड़ वाली जमीन पर 8 फुट मिट्टी डाल कर काटी गई है। इस जमीन में 6 कनाल का हिस्सा सरकारी है। मगर फिर भी जिला प्रशासन के किसी भी विभाग ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इस अवैध कालोनी को अभी तक डिमोलिश नहीं किया। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस कालोनी को कोई ओर नहीं बल्कि नगर निगम का 40 करोड़ का डिफाल्टर काट रहा है।
इस मामले में जनहित सोसायटी जिला प्रशासन सहित इस कालोनाईजर के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है। जिसमें आने वाले दिनों जिला प्रशासन के कई विभागों की चिंता बड़ सकती है।