
नई दिल्लीः इजराइली हमले में हिजबुल्लाह का चीफ हसन नसरल्लाह मारा गया है। यह दावा इजराइल डिफेंस फोर्स ने शनिवार को किया है। यरुशलम पोस्ट के मुताबिक, IDF ने 27 सितंबर को लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 80 टन बंकर बस्टर बम से हवाई हमला किया था, तब नसरल्लाह भी यहीं मौजूद था। IDF ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि अब दुनिया को नसरल्लाह से डरने की जरूरत नहीं है। वह आतंक नहीं फैला पाएगा। हालांकि हिजबुल्लाह की तरफ से अब तक नसरल्लाह की मौत की पुष्टि नहीं हुई है।
वहीं हिजबुल्लाह चीफ की मौत के बाद ईरान में हाई अलर्ट जारी किया गया है। इजरायली हमले में मारे गए हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान ने सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को सुरक्षित रखने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है। थोड़ी देर में ईरान के सुप्रीम नेता खामनेई नसरल्लाह की मौत पर बयान जारी कर सकते हैं। नसरल्लाह को ईरान का भरोसेमंद माना जाता था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरानी विमान को सीरिया और लेबनान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गई है। दरअसल, आईडीएफ (IDF) यानी कि इजरायल डिफेंस फोर्स ने सीरिया और लेबनान को धमकी दी है। यही कारण है कि वो कोई भी खतरा मोल लेना नहीं चाहते। बता दें कि लेबनान की राजधानी बेरूत में इजरायली हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह मारा गया है।
लेबनान की राजधानी पर किए गए इजरायली हमलों की ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने कड़े शब्दों में आलोचना की है। लेबनान की राजधानी के घनी आबादी वाले दक्षिणी शहर पर इजरायली हमले को राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने घोर युद्ध अपराध बताया है। मिली जानकारी के मुताबिक, लेबनान पर अबतक किए गए इजरायली हमलों में करीब 650 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है जबकि 2,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
खबर है कि इजरायल से ईरान हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत का बदला लेने की योजना पर काम कर रहा है। हसन नसरल्लाह की मौत के तुरंत बाद ही ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई के घर पर अधिकारियों ने बैठक की जिसमें इजरायल से बदला लेने की योजना बनाई गई। बताया गया कि अली खामेनेई ने सुरक्षा परिषद की बैठक को भी बुलाया। इस संबंध में अली खामेनेई के सुरक्षा सलाहकार का बयान भी सामने आया है जिसमें उसने कहा कि इन हत्याओं से इजरायल की समस्या हल नहीं होगी।