
ऊना/ सुशील पंडित : ग्राम पंचायत लठियाणी के गांव चैहडू में वीरवार को श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ किया गया कथा के प्रथम दिन बाजार से कलश यात्रा निकालते हुए विभिन्न विभिन्न गांवो से होते हुए कथा पंडाल में कलश यात्रा को विश्राम दिया। इस दौरान श्रीमद् भागवत गीता का रसपान गोपाल स्वरूप शास्त्री द्वारा लोगों को करवाया गया। शास्त्री जी ने कहा कि वेद में ब्रह्मा भगवान जी का 92 स्वरूप है हमारे वेद कहते हैं की शब्द में ब्रह्मा है किसी भी स्वरूप में हमें यदि किसी चीज की जरूरत पड़ती है तो वह है शब्द के द्वारा हमें इस संसार में मनुष्य को अपना पराया देवता राक्षस इत्यादि का ज्ञान होता है वह सब शब्द में है, वह ग्रंथ आपके सामने रखा है हमें इसे भगवान का ही स्वरूप समझना चाहिए।
125 वर्ष की आयु में श्री कृष्ण भगवान ने एक ऐसा काम किया जिस कारण प्रतेक व्यक्ति सदैव उन्हें याद करता है। वह है कुरुक्षेत्र का मैदान उस मैदान में श्रीमद् भागवत गीता जी का उपदेश दिया जो के 18 अध्याय के रूप में आपके सामने रखा है, जो जन्म मरण के बंधन से मोक्ष देने वाला काल के भय से मुक्त करने वाला मृत्यु को मंगलमय बनाने वाले ग्रंथ का नाम भागवत ग्रंथ है। कथा के अंत में आरती के वाद सभी लोगों को भोजन का विशेष प्रबंध किया हुआ था। कथा के संचालन करता श्रीमती अनीता शर्मा एवं ध्यानचंद शर्मा ने अनुरोध किया है कि वे श्रीमद् भागवत कथा में अपनी उपस्थिति दर्ज करें ।
15 New Post Views