
ऊना/सुशील पंडित: वशिष्ट पब्लिक स्कूल ऊना में क्रिटिकल और क्रिएटिव थिंकिंग के विषय पर दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया। यह वर्कशॉप स्नेहलता और उनकी सहयोगी वंदना गुलेरिया के द्वारा ली गई। स्नेहलता सेंट ऐन्स कान्वेंट स्कूल चंडीगढ़ में कार्यरत हैं और पिछले 34 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएंँ दे रही हैं। इन्होंने सी०बी०एस०ई० के शिक्षण, प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम विकास,कक्षा प्रबंधन और साइबर सुरक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है तथा उनकी सहयोगी वंदना गुलरिया डी०ए०वी०पब्लिक स्कूल अम्बोटा में कार्यरत हैं और सी०बी०एस०ई० के स्कूल हेल्थ एंड वैलनेस प्रोग्राम से जुड़ी हुई हैं ।
यह पिछले ढाई वर्षो से रिसोर्स पर्सन के तौर पर अपनी सेवाएंँ दे रही हैं और शिक्षा के क्षेत्र में इनका पिछले 20 वर्षों का अनुभव रहा है। स्नेहलता ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में समस्या समाधान ,नवाचार एवं तार्किक विश्लेषण कौशल को विकसित करना है। उन्होंने बताया कि आलोचनात्मक चिंतन छात्रों को तर्क संगत निर्णय लेने और गहन विश्लेषण करने में मदद करता है ,जबकि रचनात्मक चिंतन उन्हें नए विचारों को विकसित और नवीन समाधान खोजने की क्षमता प्रदान करता है । उन्होंने अध्यापकों से विभिन्न गतिविधियांँ करवाईं जिससे अध्यापकों ने बहुत -सी नई बातें सीखीं। उन्होंने कहा कि हर बच्चा विशेष है, हमें हर बच्चे को ‘आउट ऑफ़ द बॉक्स ‘सोचने का मौका देना है जिसके परिणामस्वरूप विद्यार्थी योग्यता आधारित प्रश्नों को आसानी से हल कर पाएंँगे।
उन्होंने अध्यापकों को ब्लूम टैक्सनॉमी, लेवल ऑफ़ इंटेलिजेंस, रुब्रिक्स ,लर्निंग आउटकम्स आदि विषयों की गहन जानकारी दी। प्रशिक्षण सत्र के दौरान अध्यापकों ने वक्ताओं से विभिन्न प्रश्न किए और इन कौशलों को व्यावहारिक रूप से सीखने का अवसर प्राप्त किया ।कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य दीपक कौशल ने कहा कि केवल रटे-रटाए उत्तरों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं है बल्कि हमें स्वयं सोचने ,प्रश्न पूछने और अपने विचारों को नए ढंग से प्रस्तुत करने की आदत डालनी होगी। यह क्षमता न केवल हमारी शिक्षा में बल्कि हमारे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
