
वैज्ञानिकों ने सिलिकॉन का विकल्प ढूंढा
भारतीय मूल के वैज्ञानिक ने अमेरिका में भारत का नाम किया ऊंचा
बददी/सचिन बैंसल: पंजाब के जिला होशियारपुर के एक छोटे से गांव हाजीपुर के युवा वैज्ञानिक डॉ.उदय भानू ने अमेरिका में गैजेटस में लगने वाली चिप पर शोध करके भारत का नाम ऊंचा किया है। वर्तमान में इलेक्ट्रिानिक उपकरण को सुक्षम व सक्षम बनाने के लिए अपनी रिसर्च जारी रखे हुए है। बरोटीवाला के जोहड़ापुर अपने ससुराल आने पर डा. उदय भानू ने पत्रकारों को बताया कि स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप, घडिय़ां व कई तरह के इले्कट्रानिक उपकरण दिन प्रतिदिन जीवन के अभिन्न अंग बन गए है। इनके बिना शायद ही अपने जीवन की कल्पना कर सकते है। इसके लिए एक इलेक्ट्रानिक चिप का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में अधिकांश चिप सिलिकॉन नामक अर्धचालक सामग्री से बनाई जाती है। पिछले एक दशक से छोटे आकार के तेज, स्मार्ट व लचीले गैजेटस की मांग बढ़ रही है। जिसके चलते दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने चिप में सुधार कर उपभोक्ताओं की मंाग की पूरा किया है।
उन्होंने बताया कि सिलिकॉन से बने चिप्स में निरंतर सुधार एक संतृप्ति बिंदू तक पहुंच गया है। जहां से आगे संभव नहीं है। मांग लगातार बढऩे के कारण वैज्ञानिकों ने सिलिकॉन का विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है। मोलिब्डेनम डाईसल्फाईड एक पदार्थ है जो भविष्य में इलेक्ट्रानिक चिप में सिलिकान के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता है। कई वैज्ञानिक इस पदार्थ पर लगातार कार्य कर रहे है। डॉ.उदय भानु एक भारतीय मूल के वैज्ञानिक है जो पंजाब विवि के छात्र रहे है। पिछले कई वर्षो से मोलिब्डेनम डाईसल्फाईड पर काम कर रहे है।
अपने शोध के शुरूआती दौर में उन्होंने टू डायमेंशनल सेमी कंडक्टर में
और डोपिंग मैकेनिज्म पर एक बुनियादी समझ उत्पन्न की ओर दुनिया को इसके बारे में अवगत कराया है। उनके शोध ने अर्धचालक क्षेत्र में नए अनु प्रयोग का मार्ग प्रशस्त किया है। उनका काम रायल सोसायटी आफ कमेस्ट्री और नेचर साईटिफिक रिपोर्ट से नेनो स्केल जैसी उच्च प्रभाव शाली समीक्षात्मक पत्रिकाओ में प्रकाशित किया गया है। उन्होंने हाल ही में मोलिब्डेनम डाईसल्फाईड में फोटो लुमिनेशन की एक नई घटना की खोज की है।
उन्होंने एक हाल में वैज्ञानिक प्रकाशन में कम लागत वाली तकनीकी का प्रदर्शन किया है। जिसका उपयोग टू डायमेशनल सेमी कंडक्टर को डोप करने के लिए किया जा सकता है। जैसे मोलिब्डेनम डाईसप्लफाईड और इसी तरह की सामग्री में इस तकनीक का यह लाभ है। यह किफायती है और मौजूदा अर्ध चालक प्रक्रियाओ के साथ तर्क सगंत है। यह खोज मोलिब्डेनम डाईसल्फाईड इलेक्ट्रानिक्स चिप में भारी प्रभाव डालने की क्षमता रखती है।