जिस पर गांव के लोग एकजुट होकर आज डीसी ऑफिस ऊना पहुंचे और उन्होंने नगर निगम ऊना में शामिल न किए जाने को लेकर अपना विरोध जिताया और नारेबाजी कर अपना विरोध जाहिर किया। वहीं उन्होंने लिखित में अपनी आपत्ति डिप्टी कमिश्नर ऊना जतिन लाल को सौंप दी है । वहीं मीडिया से रूबरू होते हुए गांव के प्रतिनिधियों ने जानकारी देते हुए बताया कि रैंसरी गांव कृषि आधारित गांव है यहां पर सबसे ज्यादा लोग खेती-बाड़ी कर अपना गुजर बसर कर रहे हैं ।
नगर निगम में शामिल किए जाने के बाद अन्य टैक्सों की भरमार होगी साथ ही लोगों को अपने छोटे-मोटे कामकाज करवाने के लिए जिला मुख्यालय के लिए भाग दौड़ करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि उनका गांव में सभी मूलभूत सुविधाएं हैं और गांव की पंचायत द्वारा लगातार विकास करवाया जा रहा है उन्होंने कहा कि गांव में ज्यादातर लोग गरीब हैं ऐसे में गांव के सभी लोग उनके गांव को नगर निगम ऊना में शामिल किए जाने का विरोध करते हैं।
अगर सरकार द्वारा जबरन उनके गांव को नगर निगम ऊना में शामिल किया जाता है तो वह इसके लिए जो भी लड़ाई लड़नी पड़े वह लड़ेंगे इसके लिए चाहे उन्हें कोर्ट का रुख क्यों न करना पड़े बह इससे भी पीछे नहीं हटेंगे। बही गांव के प्रतिनिधियों ने रैंसरी गांव को नगर निगम ऊना में शामिल न किए जाने को लेकर डिप्टी कमिश्नर ऊना को अपनी लिखित रूप में आपत्ति पेश की है। वहीं डिप्टी कमिश्नर ऊना जतिन लाल ने उनकी आपत्ति को स्वीकृत कर आगामी कार्रवाई के लिए सरकार को भेजे जाने की बात कही।