डीएफओ फॉरेस्ट के विशेष दस्ते के साथ दे रहे दविश
सरकार ओर मलकीयत भूमि पर पीली खैर के पेड़ पर लगी पट्टी बताएगी अवैध कटान
ऊना/सुशील पंडित: कुटलैहड़ विस क्षेत्र में इस बार अवैध खैर कटान पर बन कई मन में डीएफओ ऊना सुशील राणा का भय सताने लगा है। ओर बन काटुए खैर के अवैध कटान से दूर भाग रहे हैं। ज्ञात रहे जिला ऊना फॉरेस्ट विभाग के बड़े अधिकारी एवं जिला के डीएफओ सुशील राणा द्वारा कुटलैहड़ विस क्षेत्र में अवैध कटान को रोकने का नया फार्मूला तैयार किया है। टीम सहित कुटलैहड़ विस क्षेत्र की रामगढ़ धार तो कभी सोलहसिंगी धार में फॉरेस्ट की बड़ी टीम लेकर हर दिन दविश दे रहे हैं। जिससे बन कटुओं में दहशत का माहौल बन गया है। ओर बन कटुए अवैध कटान करने से दूर भाग रहे है। दूसरा डीएफओ जिला ऊना सुशील राणा द्वारा बन कटुओं के लिए कड़ी हिदायत भी दी है कि जो भी बन कटुआ अवैध कटान में सम्मिलित होगा। उस पर कानूनी कार्यवाही के साथ जुर्माना ओर सजा दोनों का प्रावधान विभाग द्वारा किया जाएगा। बही इतिहास में पहली बार जिला ऊना के डीएफओ सुशील राणा फॉरेस्ट के विशेष दस्ते के साथ उपमंडल बंगाणा के जंगलों में घूम कर पैनी नजर बनाए हुए है। कही कोई खैर का अवैध कटान तो नहीं हो रहा है। ओर जगह अगर मलकीयत भूमि में कई गांव खुले हैं। खैर कटान के लिए मार्किंग हो रही है तो भी मलकीयत भूमि ओर सरकारी भूमि की सीमा पर खैर के पेड़ पर पीली पट्टी लगाई जा रही है। ताकि ठेकेदार को याद रहे कि यह मलकीयत ओर सरकारी भूमि की सीमा है और ठेकेदार भी अपनी सीमा में रहें। फॉरेस्ट की लक्ष्मण रेखा को लांघने का प्रयास न करें। ज्ञात रहे अगर दस वर्ष पूर्व फॉरेस्ट विभाग को सुशील राणा जैसे जिला के फॉरेस्ट अधिकारी मिले होते। तो दस वर्षों में राज्य सरकार की बन कटुओं द्वारा अरबों की खैर संपति नहीं लुटती। जिस प्रकार फॉरेस्ट विभाग के जिला अधिकारी बिना किसी डर से सिंघम की तरफ सरकारी जंगलों में दविश दे रहे हैं। उसी डर से वन कटुए भी खैर का अवैध कटान करने से कांप रहे हैं।
सरकारी भूमि पर खुद मार्किंग करवा रहे डीएफओ सुशील राणा
बताते चले कि उपमंडल बंगाणा की रामगढ़ धार,सोलहसिंगी धार में करीब साढ़े सात हजार हेक्टेयर भूमि से करीब आठ हजार सूखे खैर के पेड़ों का कटान होगा। बही भरवाई फॉरेस्ट रेंज से दो हजार हेक्टेयर भूमि में से दो हजार खैर के पेड़ों का कटान होगा। उसकी मार्किंग खुद डीएफओ ऊना सुशील राणा फॉरेस्ट के विशेष दस्ते के साथ करवा रहे हैं। अब बन कटुओं को यह ज्ञात नहीं होता है। कि जिला ऊना की डीएफओ की टीम कब ओर किस समय कहा पर दविश देगी। इसी डर से बन कटुए शांत है। ओर मलकीयत भूमि के खैर कटान के ठेकेदार भी इसी दहशत में है। कि कही एक खैर का पेड़ सरकारी भूमि से कट गया। तो डीएफओ ऊना की कानूनी कार्यवाही हमारा लाखों का नुक्सान करेगी।
जिला ऊना डीएफओ सुशील राणा ने कहा कि उपमंडल बंगाणा हो या पूरा जिला ऊना, सरकारी भूमि हो या मलकीयत भूमि का खैर कटान। उसमें किसी प्रकार की कोई धांधली नहीं होगी। ओर न ही कोई अवैध खैर कटान बर्दाश्त होगा। अगर मलकीयत या सरकारी भूमि पर अवैध कटान की शिकायत मिली। ओर जांच में अवैध कटान पाया गया। तो पूरा मैटीरियल जब्त होगा। ओर ठेकेदार के खिलाफ फॉरेस्ट की विभिन्न धाराओं के साथ मामला दर्ज होगा। ओर अवैध कटान की वसूली के साथ ठेकेदार पर कटान का आजीवन प्रतिबंध लगेगा। राणा ने कहा कि जिला में फॉरेस्ट विभाग के कई विशेष दस्ते बनाए है। जो हर दिन सरकारी ओर मलकीयत भूमि पर दिन रात अवैध कटान पर पैनी नजर बनाए रखेंगे। बही जिला में पंचायत ओर गांव स्तर पर भी फॉरेस्ट विभाग ने सूत्र तैयार किए हैं। जो अवैध कटान की सूचना विभाग को देते रहेंगे।