ऊना/ सुशील पंडित: ऊना के भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने प्रदेश सरकार पर हिमाचल को आर्थिक बदहाली के मुहाने पर लाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि कर्मचारियों को उनके अपने ही मेहनताने से वंचित किया गया।
विधायक ने कहा कि यदि भाजपा इस मामले को लेकर शोर नहीं करती तो प्रदेश सरकार द्वारा अब भी कर्मचारियों को 5 तारीख को कर्मचारियों का वेतन जारी नहीं किया जाना था। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मित्रों की सरकार ने राज्य को आर्थिक बदहाली तक लाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है।
विधायक ने कहा कि प्रदेश के लाखों पेंशनर्स अपनी पेंशन के लिए प्रदेश सरकार की तरफ देख रहे हैं। हालत यह हो चुकी है कि पेंशनर्स के पास अपनी बीमारी की हालत में दवाई तक के पैसे नहीं है। जबकि दूसरी तरफ कर्मचारियों का वेतन रोकने का असर निजी क्षेत्र तक गया है। जहां बच्चों की फीस समय पर नहीं दे पाने के कारण निजी स्कूलों के संचालक अपने अध्यापकों को भी समय पर वेतन नहीं दे पा रहे।
दुकानदारों का उधार चुकता नहीं होने के चलते उनके कारोबार पर भी असर पड़ा है। किसी के वहां और मकान को लेकर लिए गए कर्ज की किश्त रुकने से भी कर्मचारियों को पेनल्टी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रदेश सरकार की इस कार्य प्रणाली के चलते हिमाचल प्रदेश का नाम पूरे देश में खराब हुआ है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ फिजूल खर्ची रोकने का नारा दिया जाता है और दूसरी तरफ अपने चहेतों पर खुलकर सरकारी धन लुटाया जा रहा है। विधायक ने कहा कि सरकार के पास कर्मचारियों का वेतन देने के लिए पैसे नहीं है लेकिन फिजूल खर्ची करने में मौजूदा सरकार कहीं भी पीछे नजर नहीं आती।