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डीएफओ ऊना बोले, इस वर्ष घर-घर जाकर बांटेंगे पौधे, ताकि किसानों को हो सीधा लाभ
जरूरत मंद परिवारों को लिस्ट हो रही तैयार, पौधा रोपण प्रेमी फॉरेस्ट विभाग से करें संपर्क
ऊना/सुशील पंडित: उपमंडल बंगाणा में इस वर्ष फॉरेस्ट विभाग के सौजन्य से बरसात के इस मौसम में वन विभाग और स्थानीय प्रशासन क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने के लिए विशेष अभियान छेड़ा जाएगा। इस अभियान के तहत कुल 1.5 लाख नए पौधे लगाए जाएंगे, जिनमें से 1 लाख पौधे खैर के होंगे, यह पहल न केवल पर्यावरण को संवारने में मदद करेगी, बल्कि किसानों को भी आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाएगी। हमीरपुर जाते बंगाणा में मीडिया से बात करते जिला फॉरेस्ट अधिकारी सुशील राणा ने बताया कि वन विभाग मंडल बंगाणा और रेंज खुरवाईं में इस वर्ष सबसे ज्यादा खैर के पौधों को प्राथमिकता दी जाएगी। क्योंकि इससे किसानों की आजीविका जुड़ी हुई है। खैर की लकड़ी का उपयोग विभिन्न औद्योगिक कार्यों, विशेषकर कत्था बनाने में किया जाता है। इससे किसानों और व्यापारियों को आर्थिक मजबूती मिलेगी। डीएफओ ऊना सुशील राणा ने बताया कि खैर कटान पर सख्त निगरानी रखी जा रही है, और ठेकेदारों को यह निर्देश दिया गया है कि जितने खैर के वृक्ष काटे जाएंगे, उससे चार गुना अधिक नए पौधे लगाने होंगे। इससे मलकीयत भूमि का संतुलन बना रहेगा और खैर की कटाई से होने वाले पर्यावरण और किसानों की भरपाई भी हो सकेगी। जिला फॉरेस्ट अधिकारी सुशील राणा ने बताया कि इस वर्ष उपमंडल बंगाणा में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि एवं पंचायत और गांव के बुद्धिजीवियों को साथ लेकर घर-घर जाकर पौधे भी बांटेंगे और लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करेंगे। उनका कहना है कि सिर्फ पौधे लगाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उनकी सही देखभाल भी जरूरी है। डीएफओ सुशील राणा ने कहा बीते साल हमने एक लाख पौधे लगाए थे, लेकिन अब हमें इसे और आगे बढ़ाना है। इस बार हम पौधे लगाएंगे और उन्हें पालने की पूरी जिम्मेदारी भी लेंगे। हर घर में कम से कम दो पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
मलकीयत भूमि पर खैर कटान ठेकेदारों के लिए सख्त आदेश
जिला फॉरेस्ट अधिकारी सुशील राणा ने बताया कि इस वर्ष मलकीयत भूमि पर हो रहे खैर कटान के बढ़ते मामलों को देखते हुए फॉरेस्ट विभाग बंगाणा द्वारा सभी ठेकेदारों के लिए कड़े नियम बनाए हैं। नए नियमों के अनुसार, यदि कोई ठेकेदार एक खैर का पेड़ काटता है, तो उसे बदले में चार नए खैर के पौधे लगाने होंगे। यह आदेश न केवल वन संपदा की रक्षा करेगा, बल्कि किसानों को भी लंबे समय में फायदा पहुंचाएगा। वन विभाग के जिला फॉरेस्ट अधिकारी ने बताया कि इस नियम का सख्ती से पालन किया जाएगा। जो ठेकेदार इसे अनदेखा करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह पहल किसानों के लिए कई मायनों में फायदेमंद होगी। खैर के पेड़ तेजी से बढ़ते हैं और इनकी लकड़ी की बाजार में काफी मांग है। इससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलेगा।
बीते वर्ष के प्रयास हुए सफल और अब आगे की फॉरेस्ट विभाग की रणनीति,
डीएफओ सुशील राणा ने बताया कि बीते वर्ष पर्यावरण प्रेमियों ने मिलकर एक लाख पौधे लगाए थे, जिनमें से अधिकांश पौधे अब अच्छी स्थिति में हैं। इस वर्ष इस संख्या को 1.5 लाख तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस बार पौधों की देखभाल की व्यवस्था को भी मजबूत किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीणों को जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि वे पौधों की देखभाल करें और उन्हें सूखने या नष्ट होने से बच सकें। उन्होंने कहा कि हम केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं रहेंगे। गांव-गांव में समितियां बनाई जाएंगी, जो पौधों की देखभाल करेंगी। जो किसान अच्छे से पौधों को पालेंगे, उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह अभियान केवल सरकार या वन विभाग तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें स्थानीय लोग, स्वयंसेवी संगठन और स्कूल-कॉलेजों के छात्र भी शामिल होंगे। लोगों को पौधारोपण के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यशालाएं और जनसभाएं आयोजित की जाएंगी।
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