बाल कृष्ण भगवान ने राजा इंद्र का अहंकार तोड़ने के लिए करवाई थी गोवर्धन पूजा:आचार्य शिव कुमार शास्त्री
ऊना/सुशील पंडित:
कुटलैहड़ के होटल हवेली जोगी पंगा में स्वर्गीय रामनाथ शर्मा की पुण्य स्मृति में आयोजित पंचम दिवस के कार्यक्रम में भव्य भागवत कथा का आयोजन किया गया। इस मौके पर कथा व्यास ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप में गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा सुनाई और इसका आध्यात्मिक महत्व बताया। कथा से पूर्व आयोजिक कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा ने पत्नि मृदु शर्मा एवं परिवार सहित पंचम दिवस पर पूजा अर्चना करके विद्वानों के साथ व्यास पीठ पूजन करके आशीर्वाद लिया।
कथा व्यास आचार्य शिव कुमार शास्त्री जी ने गोवर्धन पर्वत की पौराणिक कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल में इंद्रदेव के घमंड को चूर करने और ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठा लिया था। यह कथा उस समय की है जब गोकुल और उसके आसपास के क्षेत्र में लोग इंद्रदेव की पूजा कर वर्षा के लिए प्रार्थना करते थे। भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को समझाया कि हमें प्रकृति और गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि ये ही हमारी असली रक्षा करते हैं। कथा व्यास ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों से इंद्र की पूजा न करने और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का आह्वान किया। इससे इंद्रदेव क्रोधित हो गए और ब्रजभूमि पर मूसलधार बारिश कर दी। चारों ओर पानी भर गया और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। ब्रजवासी भयभीत होकर भगवान श्रीकृष्ण के पास सहायता मांगने पहुंचे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर पूरे गोवर्धन पर्वत को उठा लिया और सभी ब्रजवासियों को उसके नीचे शरण देकर उनकी रक्षा की।
कथा व्यास ने बताया कि यह कथा हमें सिखाती है कि घमंड कभी किसी का भला नहीं करता। इंद्रदेव का घमंड उनके विनाश का कारण बना, जबकि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने अद्भुत प्रेम और करुणा से ब्रजवासियों की रक्षा की। गोवर्धन पूजा प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में भगवान के दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए और अहंकार का त्याग कर दूसरों की सहायता करनी चाहिए। कथा दौरान भक्तों ने गोवर्धन पर्वत की कथा सुनकर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का गुणगान किया और भक्ति भाव में लीन हो गए। अंत में प्रसाद वितरण और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ, जिसमें सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कथा व्यास ने बताया कि गोवर्धन पर्वत को श्रीकृष्ण ने यह संदेश देने के लिए उठाया कि प्रकृति और मानव का संबंध अविभाज्य है। इस प्रकार की कथाओं से समाज में भक्ति, प्रेम और पर्यावरण संरक्षण का संदेश मिलता है। ज्ञात रहे विधायक विवेक शर्मा द्वारा यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित हुआ। स्वर्गीय रामनाथ शर्मा की पुण्य स्मृति में यह कार्यक्रम उनकी समाज सेवा और आध्यात्मिकता को श्रद्धांजलि देने का एक सशक्त माध्यम बना। बही कथा विराम के बाद विशाल भंडारे का प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।