
गत्ते के रेट बढ़ाने पर लिया फैसला, तीन दिन बन्द रहेंगे उद्योग
बद्दी/सचिन बैंसल: गत्ता उद्योग संघ ने पेपर के लगातार रेट बढऩे व चाइना को ही रही पेपर की सप्लाई के विरोध में बद्दी में नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि केंद्र व प्रदेश सरकार लघु उद्योगो को बंद करने के कगार पर है। जब स्थानीय गत्ता संचालकों को पेपर नहीं मिल रहा है तो उसे चाईना जैसे देश को निर्यात करने की क्या जरूरत है। पहले स्थानीय गत्ता उद्योगों को सप्लाई की जाए उसके बाद अगर माल बचता है तभी इसका निर्यात किया जाए। इस मौके पर संचालकों ने 25 फीसदी गत्ते के रेट बढ़ाने की बात कही।
गत्ता उद्योग संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र जैन, बीबीएन इकाई के अध्यक्ष हेमराज चौधरी, विशाल गोयल, नवीन, समर, विकास, अजय, गौरव, अमन, मनोज, योगेश व केके बंस समेत दर्जनों गत्ता संचालक सोमवार सुबह दस बजे बदद्ी बैरियर पर एकत्रित हुए तथा केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने कहा कि गत्ता उद्योग घाटे पर चल रहा है। अगर उनका ग्राहक 25 फीसदी तक गत्ते के डिब्बे के रेट बढ़ाते है तभी यह सुचारू रुप से चल सकता है लेकिन घाटा में चलाना अभी उनके लिए कठिन कार्य है।
हेमराज चौधरी ने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार लोकल फॉर वोकल का नारा देती है वहीं दूसरी ओर से स्थानीय उद्योगों की अनदेखी करके चाईना के उद्योगों को पेपर पहुंचा रही है। जबकि अपने देश में उद्योग बंद होने जा रहे है। जल्द उत्तर भारत के गत्ता संचालक दिल्ली में एक बैठक करेंगे तथा केंद्र सरकार पर चाईना को हो रहे निर्यात पर रोक लगाने की मांग रखेंगे। अभी बुधवार तक सभी उद्योग बंद रहेंगे। उसके उसके बावजूद भी ग्राहक रेट बढ़ाने को तैयार नहीं हुए तो उन्हें मजबूरन आंदोलन को और आगे बढ़ाना पड़ सकता है।