चंडीगढ़ः किसानों द्वारा आज दोपहर दिल्ली कूच करने का ऐलान किया गया है। वहीं आज पहला 101 लोगों का पहला जत्था दोपहर को दिल्ली के लिए रवाना होगा। हरियाणा में किसान आंदोलन के चलते सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने अंबाला जिले में चार दिन के लिए इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। इससे पहले, एक दिन के लिए 6 दिसंबर को अंबाला में स्कूलों को भी बंद करने का फरमान सुनाया गया था। हरियाणा सरकार ने लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की आशंका के चलते यह फैसला लिया है। दोपहर एक बजे के करीब 101 किसानों का जत्था दिल्ली की तरफ कूच करेगा, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने अंबाला में इंटरनेट बंद कर दिया है।
इस दौरान अंबाला के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, लहर्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू के क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी और 6-9 दिसंबर तक यह आदेश जारी किए गए हैं। उधर, दोपहर साढ़े 12 बजे तक शंभू, खनौरी, सिंघू सहित अन्य बॉर्डरों पर हालात सामान्य हैं। हालांकि, पुलिस का पहरा बढ़ाया गया है। किसान भी यहां पर डटे हुए हैं। 101 किसानों का जत्था यहां से दिल्ली की तरफ बढ़ेगा। इससे पहले, अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इस धारा के तहत जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर रोक लगाई गई थी।
इस बीच, अंबाला प्रशासन ने जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को शुक्रवार को बंद करने का आदेश दिया है। अंबाला के जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा, ‘‘शुक्रवार को सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे।’ दिल्ली अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर शंभू बॉर्डर बिंदु – राजपुरा (पंजाब)-अंबाला (हरियाणा) पर पहले से ही बहुस्तरीय अवरोधक लगाए गए हैं। शंभू बॉर्डर पर पानी की बौछारें करने की भी व्यवस्था की गई है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मार्च शुरू करने वाले 101 किसानों को ‘मरजीवड़ा’ (ऐसे लोग जो किसी मकसद के लिए जान भी देने को तैयार हों)। पंधेर ने कहा कि मार्च ‘‘शांतिपूर्ण तरीके’’ से निकाला जाएगा।
उन्होंने हरियाणा प्रशासन की ओर से पैदल मार्च पर रोक लगाने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि किसान अपने साथ कोई ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जाएंगे। किसानों के अनुसार, उनके पहले जत्थे का नेतृत्व सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह और बलजिंदर सिंह करेंगे। यह जत्था अपने साथ केवल आवश्यक वस्तुएं ही लेकर जाएगा। वहीं, हरियाणा की सीमा पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है। इस बीच, एसकेएम नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर बिंदु पर अपना आमरण अनशन जारी रखा।