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अंबालाः सरकार ने खई खिलाड़ियों को बड़ा झटका देते हुए सर्टीफिकेट रद्द कर दिए है। जारी सूची के अनुसार सरकार द्वरा ग्रेड सी और डी ग्रेडेशन के खिलाड़ियों के सर्टिफिकेट रद्द किए गए हैं। बताया जा रहा हैकि इन खिलाड़ियों के ग्रेडेशन सर्टिफिकेट्स को खेल विभाग ने संदेह के दायरे में पाया है। हालांकि इन सभी के सर्टिफिकेट विभाग के ही उपनिदेशकों (डिप्टी डायरेक्टर) की ओर से जारी किए गए हैं। विभाग की ग्रेडेशन वैरिफिकेशन कमेटी ने अपनी जांच में पाया कि सर्टिफिकेट विभागीय पॉलिसी के नियमों के तहत जारी नहीं किए गए हैं। सूची में 76 खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं।
खेल विभाग के उपनिदेशक मनजीत सिंह की ओर से जारी यह सूची अंबाला, रोहतक, गुरुग्राम और हिसार के खेल बोर्डों को संबोधित है। जारी सूची मेें लिखा है कि आपको निर्देश दिया जाता है कि आपके कार्यालय ने हरियाणा राज्य के कई खिलाड़ियों को ग्रेड-सी और डी खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट जारी किए हैं, जो निदेशालय में गठित ग्रेडेशन वेरिफिकेशन कमेटी द्वारा विभागीय नीति के नियमों के विरुद्ध पाए गए हैं। इसलिए इन्हें रद्द किया जाता है।
विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क के आदेशों पर विभाग के उपनिदेशक (खेल) मंजीत सिंह की ओर से चारों खेल मंडलों– हिसार, रोहतक, गुरुग्राम व अंबाला के डिप्टी डायरेक्टर के पत्र लिखा है। साथ ही, 15 जिलों के जिला खेल अधिकारियों को भी पत्र भेजा है। इन जिलों में भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, नारनौल, पलवल, पानीपत रोहतक व सोनीपत शामिल हैं।
खेल मंडलों के उपनिदेशकों को खिलाड़ियों की लिस्ट भेजते हुए निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने जिलों से संबंधित खिलाड़ियों को उनका पक्ष रखने का मौका दें। सुनवाई के बाद खेल ग्रेडेशन प्रमाण-पत्रों को नियमानुसार रद्द करने की सिफारिश करने के निर्देश भी उपनिदेशकों को दिए हैं। जिन 76 खिलाड़ियों के ग्रेड ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर सवाल उठाए हैं, उनमें से 27 खिलाड़ियाें के पास ‘ग्रेड-सी’ के सर्टिफिकेट हैं और बाकी के पास ‘ग्रेड-डी’ के सर्टिफिकेट हैं।
हरियाणा सरकार ने खेल कोटे के तहत खिलाड़ियों के सरकारी नौकरी के नियम बनाए हुए हैं। हालांकि इससे जुड़ी पॉलिसी में संशोधन भी होते रहे हैं। विभिन्न प्रकार के खेलों में भागीदारी व मैडल हासिल करने पर खिलाड़ियों के ग्रेडेशन सर्टिफिकेट दिए जाते हैं। नायब सरकार अब कई विभागों में खेल कोटे को बहाल कर चुकी है। वहीं खेल विभाग में सीधे डिप्टी डायरेक्टर नियुक्त करने की शुरूआत मनोहर सरकार के समय से ही हो गई थी।
पूर्व की हुड्डा सरकार ने ओलंपिक, कॉमन वेल्थ व एशियाई खेलों के विजेताओं को पुलिस में सीधे डीएसपी, इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर लगाने की शुरूआत की थी। मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में इस पॉिलसी में संशोधन करके पदक विजेता खिलाड़ियों को एचपीएस के अलावा एचसीएस लगाने का भी निर्णय लिया गया। हालांकि बाद में मनोहर पार्ट-।। में इस फैसले को बदल दिया गया। इसके बाद खेल विभाग में ही डिप्टी डायरेक्टर के नये पद सृजित किए गए।