मुंबई। दिग्गज अभिनेता राज कपूर को हिंदी सिनेमा का शोमैन कहा जाता है। लेकिन उनके पोते-पोतियों, रणबीर कपूर और रिद्धिमा कपूर साहनी के लिए वह सिर्फ एक प्यारे दादा थे। राज कपूर हमेशा अपने पोते-पोतियों को अपने गाल पर किस करने के बदले कैरेमल टॉफियां देने का लालच देते थे। उनकी 14 दिसंबर को 100वीं जयंती मनाई जा रही है।
फिल्मों में राज कपूर का योगदान
राज कपूर ने अपने 40 साल के फिल्मी करियर में कई यादगार फिल्मों में काम किया। इनमें ‘आवारा’, ‘बरसात’, ‘श्री 420’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ और ‘राम तेरी गंगा मैली’ जैसी शानदार फिल्में शामिल हैं।
वह हमारे लिए हमेशा कुछ न कुछ रखते थे
राज कपूर की पोती रिद्धिमा कपूर साहनी ने बताया कि उनके दादा हमेशा अपने परिवार के प्रति स्नेही थे। रिद्धिमा ने कहा, “जब मैं सात साल की थी, तब दादाजी का निधन हो गया था। लेकिन मुझे याद है कि हम उनके कमरे में जाकर उनके फ्रिज से चॉकलेट और अन्य चीजें निकालते थे। वह हमारे लिए हमेशा कुछ न कुछ रखते थे।”
रणबीर कपूर ने किया याद
रणबीर कपूर ने अपने दादा को “नीली आंखों वाले बड़े आदमी” के रूप में याद किया। उन्होंने बताया, “जब हम उनके घर जाते थे, तो वह हमें अपने कमरे में ले जाते थे। उनके फ्रिज में हमेशा कैरेमल टॉफियां रखी होती थीं।
वह हमें करीना, करिश्मा, मेरी बहन रिद्धिमा और मुझे एक कतार में खड़ा करते थे। फिर हमें सलाम करने और उनकी फिल्म ‘आवारा’ का गाना ‘आवारा हूं’ गाने के लिए कहते थे। इसके बाद वह हमें टॉफियां देते थे।” रणबीर ने कहा, “हम उनके गाल पर किस करने के लिए भी तैयार हो जाते थे क्योंकि हमें टॉफियां चाहिए होती थीं।” रणबीर ने बताया, “जब मैंने फिल्मों को समझना शुरू किया और उनके सिनेमा में योगदान को जाना, तो मुझे उनके बारे में और अधिक जानने की इच्छा हुई।”
2 जून 1988 को हुआ था निधन
अभिनेता और फिल्म निर्माता राज कपूर का निधन 2 जून 1988 को हुआ। वह अस्थमा की समस्या से पीड़ित थे और उन्होंने 63 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनके पोते रणबीर और उनके भाई भी राज कपूर की तरह नीली आंखों वाले हैं।
राज कपूर के योगदान और उनकी 100वीं जयंती को आज भी हर सिनेमा प्रेमी दिल से याद करता है। उनके परिवार और सिनेमा जगत के लिए वह हमेशा प्रेरणा बने रहेंगे।