चंडीगढ़ के टैगोर थियेटर के सभागार में ‘सीफेरर्स-अधिकार और रोजगार’ विषय पर हुआ कार्यक्रम आयोजित
चंडीगढ़। भारतीय नौवहन महानिदेशालय (डीजी-शिपिंग) के नौवहन उप महानिदेशक कैप्टन डा. डैनियल जोसेफ ने मर्चेंट नेवी के नाविकों के अधिकारों की रक्षा का भरोसा दिलाया है। शुक्रवार को चंडीगढ़ के टैगोर थियेटर के सभागार में ‘सीफेरर्स-अधिकार और रोजगार’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर ममुख्य अतिथि पहुंचे डा. जोसेफ ने कहा कि अब पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के सीफेरर्स (नाविकों) को अपनी समस्याओं और अधिकारों को सरकार के समक्ष रखने में आसानी होगी। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में कैप्टन संजय पराशर के नेतृत्व में चंडीगढ़ में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है, जिसके निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।इस कार्यक्रम में में नाविकों ने खुले मंच पर अपनी समस्याओं को उठाया।
कैप्टन डा. डैनियल जोसेफ ने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित नाविकों से बातचीत करते हुए कहा कि भारतीय मर्चेंट नेवी के नाविकों के अधिकारों की रक्षा करना डीजी शिपिंग की प्राथमिकता है। उन्हें ज्ञात हुआ था कि पंजाब और साथ लगते राज्यों के नाविकों को अपनी बात या समस्या रखने के लिए मुंबई या दिल्ली के कार्यालयों पर निर्भर रहना पड़ता है। यह प्रक्रिया भी बेहद लंबी है। जबकि आनलाइन प्रक्रिया से कई नाविकों को पर्याप्त जानकारी नहीं होती है, ऐसे में कई बार वे अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। कहा कि सरकार नाविकों की समस्याओं को गंभीरता से सुनने और उनका समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अब नाविकों को अपनी परेशानियों को प्रभावी तरीके से सामने लाने का अवसर मिलेगा, इसके लिए संजय पराशर ने गहनता सके कार्य किया है। पराशर पिछले अढ़ाई दशक से समुद्री नाविकों के हितों के लिए काम कर रहे हैं और कई अवसरों पर नाविकों को जोखिम से बाहर निकालने और जहां तक की उनकी जान बचाने में भी पराशर ने मदद की है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने स्तर पर इस दिशा में सभी जरूरी कदम उठाएंगे ताकि सीफेरर्स की स्थिति में सुधार हो सके और उन्हें उचित सम्मान मिल सके।
नौवहन महानिदेशालय का सक्रिय सहयोग
कैप्टन जोसेफ ने यह भी कहा कि भारतीय नौवहन महानिदेशालय ने नाविकों के मामलों को गंभीरता से लिया है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने इस बात का भरोसा भी दिलाया कि आने वाले दिनों में नाविकों के लिए बेहतर नीतियां और कार्यक्रम विकसित किए जाएंगे ताकि उनके कार्य और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
नाविकों ने साझा की अपनी समस्याएं
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले उत्तर भारत के विभिन्न क्षेत्रों के नाविकों ने अपनी परेशानियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि कई बार उनके साथ अनुचित व्यवहार होता है। जबकि पंजाब और पड़ोसी राज्यों में एजेंटगिरी भी एक बड़ी समस्या है, जिससे विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के युवा मर्चेंट नेवी की नौकरी की एवज में ठगे जाते हैं। नाविकों ने जोर देकर कहा कि इस क्षेत्र में डीजी शिपिंग के नियमों को धत्ता बताकर कुछ फर्जी कंपनियां युवाओं के सपनों से खेल रही हैं और उनके मां-बाप के जीवन की गाढ़ी कमाई भी ऐसे लोग लूट रहे हैं। इस पर तत्काल प्रभाव से कठोर अंकुश व इन कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। नाविकों ने कहा कि उनकी समस्याओं के समाधान के लिए एक मजबूत मंच की आवश्यकता है, जहां वे सीधे अपने मुद्दों को सरकार के सामने रख सकें। नाविकों ने बेहतर कार्य स्थितियां, समुद्र पर काम करते समय सुरक्षा उपायों में सुधार और लंबी अवधि के लिए स्वास्थ सुविधाओं का विस्तार करने की मांग की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अधिक प्रशिक्षण और विकास के अवसर मिलने चाहिए ताकि वे अपनी पेशेवर क्षमताओं को और बेहतर बना सकें।
कैप्टन संजय पराशर की पहल
कार्यक्रम का आयोजन कैप्टन संजय पराशर के नेतृत्व में हुआ, जिन्होंने मर्चेंट नेवी के नाविकों के अधिकारों और रोजगार के मुद्दों पर लगातार काम किया है। पराशर ने कहा कि यह कार्यक्रम सीफेरर्स के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, जहां वे अपने अधिकारों को प्रभावी तरीके से उठा सकते हैं। उनके अनुसार यह पहल एक नई शुरुआत है जो नाविकों के हित में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगी।