नई दिल्ली: देश में खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। महंगाई में इस उछाल का मुख्य कारण सब्जियों, फलों और खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतें हैं। यह दर केंद्रीय बैंक के 4% के लक्ष्य और 2% के सहनशीलता बैंड से बाहर हो गई है, जो अगस्त 2023 के बाद पहली बार हुआ है। महंगाई की यह ऊंची दर गिरते हुए शेयर बाजार पर भी दबाव डाल सकती है, जो मंगलवार को 1% नीचे बंद हुआ।
वहीं गवर्नर शशिकांत दास ने होम लोन और ऑटो लोन पर नई update दी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल होम लोन और ऑटो लोन पर EMI में कोई कमी नहीं होगी। RBI ने पिछले 2 सालों से ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की है। हालांकि, अक्टूबर में हुई मौद्रिक नीति बैठक के दौरान कुछ बदलाव की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन RBI के गवर्नर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल ब्याज दर यथास्थित रह सकती है।
बता दें, कनाडा का केंद्रीय बैंक जुलाई से अब तक 2 बार ब्याज दरों में कमी कर चुका है, वहीं यूरोपीय सेंट्रल बैंक भी ब्याज दरों में कटौती कर चुका है। अमेरिका का फेडरल रिजर्व भी अपनी अगली बैठक में ब्याज दरों में कटौती करने की संभावना जता चुका है।
नवंबर 2024 तक भारत के प्रमुख बैंकों द्वारा दी जाने वाली होम, कार और शिक्षा ऋण की ब्याज दरें दी गई हैं।
कार लोन
बैंक ब्याज दरे
SBI: 8.70% से 10.50%
एचडीएफसी बैंक 8.85% से 12.75%
एक्सिस बैंक 8.90% से 13.00%
आईसीआईसीआई बैंक: 8.85% से 12.50%
बैंक ऑफ बड़ौदा: 8.50% से 10.70%
होम लोन
SBI 8.50% से 10.20%
बैंक ऑफ बड़ौदा 8.40% से 10.90%
पंजाब नेशनल बैंक 8.40% से 10.15%
आईसीआईसीआई बैंक 8.85% से 10.50%
एचडीएफसी लिमिटेड 8.95% से 10.65%
ये ब्याज दरें क्रेडिट स्कोर, ऋण की अवधि और बैंकों की विशेष शर्तों पर आधारित हो सकती हैं।