Share Market: शेयर बाजार में आ रही लगातार गिरावर से निवेशकों का दिवाला निकलना बंद नहीं हुआ है। बाजार में जारी बिकवाली ऐसी हावी हुई है कि अब तक मार्केट उभर नहीं पाया है। आज भी जब बाजार खुला तो खुलते ही औंधे मुंह गिर गया। 11 नवंबर, सोमवार को भी बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी सोमवार को सेंसेक्स 300 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 79,150 के स्तर पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी 100 अंक लुढ़ककर 24,050 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।बाजार में लगातार गिरावट के बाद से लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि शेयर बाजार को क्या हो गया है जो लगातार नीचे गिरता ही जा रहा है।
अमेरिका में हुए चुनावों के बाद वहां डोनाल्ट ट्रंप की सरकार भी बन गई और फेडरल रिजर्व की ओर से महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में कटौती भी की जा रही है, लेकिन इन सबके बावजूद भारतीय शेयर बाजार में आ रही गिरावट रुकने का नाम नहीं ले रही। सोमवार को बाजार की खराब शुरुआत से पहले 8 नवंबर को शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था।
क्यों गिर रहा है शेयर बाज़ार
अमेरिकी चुनाव के नतीजें या ब्याज दरों में कटौती जैसी खबरों के बाद भी शेयर बाजार में आ रही बिकवाली रुकने का नाम नहीं ले रही। दरअसल स्टॉक मार्केट में इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण है FII यानी संस्थागत विदेशी निवेशकों की बिकवाली है। बीते दिनों में फॉरेन इन्वेस्टर्स बाजार से लगातार अपना पैसा निकाल रहे हैं। FII पिछले कई दिनों से शेयर बाजार में बिकवाली कर रहे हैं और उसकी बिकवाली का आंकड़ा 1 लाख करोड़ को पार कर चुका है।
इन फैक्टर्स का पर रहा निगेटिव असर
फॉरेन इन्वेस्टर्स के अलावा बाजार में गिरावट के पीछे और भी कई कारण हैं, जो शेयर बाज़ार को उपर उठने नहीं दे रही। इसमें से एक बड़ा कारण कंपनियों के तिमाही नतीजे हैं। कई बड़ी कंपनियों के खराब रिजल्ट के चलते बाजार पर दवाब हावी है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली के अलावा आरबीआई की चुप्पी ने निवेशकों की टेंशन बढ़ा दी है। ऐसे में शेयर बाजार के निवेशकों में कंफ्यूजन है कि वह एसी स्थिती में क्या करें।
चीन का रुख कर रहै निवेशक
भारत के शेयर बाज़ार में लगातार आ रही गिरावर के बीच चीन ने भी ऐन मौके पर बड़ी चाल चली है। चीन ने निवेशकों को लुभाने के लिए बड़े राहत पैकेज का ऐलान कर दिया। वहीं चीनी सरकार की ओर से अतिर्क्त राहत पैकेज 10 लाख करोड़ का ऐलान किए जाने की उम्मीद है। चीन सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से विदेशी निवेशक चीन का रूख कर सकते हैं। जिसके चलते बाजार पर बिकवाली हो सकती है।