नई दिल्ली : देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की ताज खतरे में है। रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की सबसे बड़ी कंपनी होने के साथ मोस्ट वैल्यूएबल कंपनी भी है। लेकिन रिलायंस के स्टॉक में पिछले कुछ महीनों में जैसी गिरावट आई है उसके बाद शेयर बाजार की सबसे कीमती कंपनी होने का तमगा छिनने का खतरा मंडरा रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के स्टॉक में आई बड़ी गिरावट के बाद कंपनी का मार्केट कैप घटकर 16.55 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है।
जबकि छह महीने पहले ही 28 जून 2024 को कंपनी का मार्केट कैप करीब 21 लाख करोड़ रुपये के पार जा पहुंचा था। 8 जुलाई को रिलायंस के शेयर ने 1608 रुपये का ऑलटाइम बनाया था। टाटा कंसलटेंसी का मार्केट कैप 15.12 लाख करोड़ रुपया है। जबकि मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से तीसरे पायदान पर एचडीएफसी बैंक का है जिसका वैल्यू 24 दिसंबर 2024 के क्लोजिंग प्राइस के हिसाब से 13.74 लाख करोड़ रुपये है। रिलायंस के स्टॉक में गिरावट जारी रही और टीसीएस के शेयर में तेजी लौटी तो टीसीएस मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़ सकता है।
आईटी शेयरों में वैसे ही हाल के दिनों में तेजी लौटी है तो इसके टीसीएस के रिलायंस को पीछे छोड़ने की संभावना बढ़ती जा रही है। 24 दिसंबर 2024 को स्टॉक इस लेवल से 24 फीसदी की गिरावट के साथ 1222 रुपये पर क्लोज हुआ है। रिलायंस का मार्केट कैप घटकर 16.55 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है और दूसरे पायदान पर खड़ी कंपनी टाटा समूह की टीसीएस और रिलायंस के मार्केट कैप में केवल 1.43 लाख करोड़ रुपये का फर्क रह गया है।