
मुंबई। दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी के बंगले के पास खड़ी कार में विस्फोटक सामग्री मिलने से जुड़े मामले में पहला सबूत मिल गया है। मुंबई पुलिस के अनुसार जिस शख्स ने वो कार पार्क की थी, वह सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहा है। हालांकि उसने मास्क पहन रखा था और सिर को हूडी से ढक रखा था, इस वजह से उसकी पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस के मुताबिक, जिस कार से जिलेटिन की छड़ें बरामद हुईं, उसे कुछ वक्त पहले मुंबई के विक्रोली इलाके से चुराया गया था। गाड़ी का चेसिस नंबर बिगाड़ दिया गया था मगर पुलिस उसके असली मालिक तक पहुंचने में कामयाब रही है।
जिस कार में जिलेटिन मिला, वह चोरी की थी। कुछ दिन पहले, विक्रोली इलाके से उठाई गई थी।
कार का चेसिस नंबर मिटाने की कोशिश हुई मगर मालिक का पता चला गया है।
जिस संदिग्ध ने कार रखी, वह सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है।
मास्क और हूडी पहने होने की वजह से उसकी पहचान नहीं हो पाई है।
इससे पहले अंबानी परिवार को कोई धमकी भरी चिट्ठी या फोन नहीं आया था।
मुंबई में वो कार जहां-जहां से गुजरी, वहां की सीसीटीवी फुटेज जुटाई गई है।
कार में मिला जिलेटिन कॉमर्शियल ग्रेड था जो कंस्ट्रक्शन से जुड़ी खुदाई में यूज होता है।
सुराग मिले, अब चल जाएगा उस शख्स का पता
पुलिस ने कार के असली मालिक का पता लगा लिया है। यह कार मुंबई में जहां-जहां से गुजरी है, पुलिस ने वहां की सीसीटीवी फुटेज भी इकट्ठा कर ली है। पुलिस ने यह भी कहा कि इससे पहले किसी ने अंबानी परिवार को धमकी भरा कॉल या चिट्ठी नहीं भेजी थी। कार में मिले विस्फोटक के बारे में पुलिस ने कहा कि यह मिलिट्री-ग्रेड जिलेटिन नहीं है। जो जिलेटिन मिला है, उसे आमतौर पर कंस्ट्रक्शन से जुड़ी खुदाई में इस्तेमाल किया जाता है।
कई दिनों से मुकेश अंबानी का पीछा, मुंबई इंडियंस का बैग, क्या थी असल साजिश… बड़े खुलासेसिक्योरिटी में लगी कार से मेल खाता था नंबर
गुरुवार को दक्षिण मुंबई में अंबानी परिवार के मशहूर लग्जरी घर के करीब एक पेड़ के पास कई घंटों से एक एसयूवी खड़ी पाई गई थी। इस गाड़ी के बारे में दोपहर करीब 2 बजे उस समय जानकारी मिली थी, जब आसपास के लोगों ने देखा कि यह कार 12 घंटों से ऐसे ही खड़ी है। इसके बाद पुलिस ने इस गाड़ी को जब्त कर लिया। इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर अंबानी परिवार की सुरक्षा में लगी गाड़ियों में से एक से मेल खाता है।
गृहमंत्री खुद मॉनिटर कर रहे जांच
मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी एस. चैतन्य ने कहा कि बरामद की गई जिलेटिन की छड़ें असेम्बल्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस नहीं हैं। लेकिन यह कितनी खतरनाक हो सकती हैं, इसका पता पूरी जांच के बाद ही लग सकेगा। इस मामले में गामदेवी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 286, 465, 473, 120 (बी), 506 (2) और सेक्शन 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है। राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख, मुंबई के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह, गृह और खुफिया विभाग के शीर्ष अधिकारी खुद इस जांच की निगरानी कर रहे हैं।