
उन्नावः कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही उन्नाव कांड की तीसरी किशोरी ने अपना मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज करवाया। किशोरी के मुताबिक, वह बुआ और चचेरी बहन के साथ चारा काटने गई थी। तीनों कुरकुरे का पैकेट लेकर खेत पर गई थीं। चारा काटने के बाद वे बैठकर कुरकुरे खा रही थीं, तभी लंबू (हत्यारोपी विनय) और सचिन भी कुरकुरे और पानी लेकर वहां पहुंच गए। कुरकुरे खाने के दौरान तीखा लगने पर विनय ने पानी की बोतल दे दी, लेकिन पहले वह पी पाती उससे पहले बुआ और चचेरी बहन ने छीन लिया और पानी पी लिया। थोड़ा बचा पानी उसने पिया। इसके बाद तीनों छटपटाने लगे।
मजिस्ट्रेटी बयान में किशोरी ने उस दिन हुई घटना की एक-एक बात बताई। इतना ही नहीं मामले में जेल भेजे गए आरोपियों के बयान भी किशोरी के बयान से मिल रहे हैं। किशोरी ने बताया कि विनय उससे दोस्ती करना चाहता था, लेकिन उसने इनकार कर दिया तो वह दबाव बनाने लगा। फिर भी न मानने पर उसने वारदात को अंजाम दिया। यही बात आरोपियों ने भी बताई थी।
पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि वारदात की शाम जब विनय और सचिन उनके पास पहुंचे तो काफी शांत थे। पानी में जहर होगा इस बात का अंदाजा ही नहीं लगा। पानी पीने के कुछ ही मिनटों में दम घुटने लगा और मुंह से झाग निकलने लगी। इसके बाद दोनों मौके से फरार हो गए।