
एक तरफ लक्ष्मण, एक तरफ सीता
बीच में जगत के पालनहारी।
राम जी की निकली सवारी
राम जी की लीला है न्यारी।
जी हां, ये प्रसिद्ध पंक्तियां आज सभी के मन में हिलौरें मार रही हैं।आज रामनवमी के पावन अवसर पर प्रत्येक हिंदू गौरन्वित होता है। हो भी क्यों न, रामनवमी का दिन हिंदू त्योहारों में सबसे महत्वपूर्ण है। भगवान श्रीराम की छवि ही ऐसी निराली है कि हर कोई उनकी मोहिनी मूरत को अपने मन में बसाए फिरता है। हर साल इस दिन को भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भारत में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है। यह तो सभी जानते हैं कि राम भगवान विष्णु के अवतारों में से एक हैं, जो एक मानव रूप में हैं। भगवान राम का जन्म मध्यान्ह काल में व्याप्त नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में हुआ था। हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुन: स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक में श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। श्रीरामचन्द्र जी का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में कौशल्या की कोख से, राजा दशरथ के घर में हुआ था। ब्रह्म ऋषि वशिष्ठ भगवान राम के गुरु थे, जिन्होंने उन्हें वैदिक ज्ञान के साथ शस्त्र-अस्त्र में निपुण किया। ब्रहम ऋषि विश्वामित्र ने भी श्रीराम को शस्त्र विद्या दी और इन्हीं के मार्गदर्शन में श्रीराम ने ताड़का वध एवं आहिल्या उद्धार किया। इसके बाद ही उन्होंने सीता स्वयंबर में भाग लिया और सीता जी से विवाह किया। भगवान राम के दो पुत्र लव व कुश हुए थे। यह दिन वसंत के मौसम में आता है। रामनवमी का दिन सूर्य की प्रार्थना करने के साथ शुरू होता है। इस दिन प्रात:काल स्नान इत्यादि से निवृत हो भगवान राम का स्मरण करते हुए भक्त लोग व्रत एवं उपवास का पालन करते हैं। इसके साथ ही साथ भंडारे और प्रसाद को भक्तों के समक्ष वितरित किया जाता है। इस दिन राम के भक्तों द्वारा राम की भक्ति के भजन गाना, रामायण का पाठ करना, वैदिक भजनों का जप करना आदि शुभ माना जाता है। भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में सदैव याद किया जाता है। श्रीराम ने एक पत्नी धर्म का पालन करने की समाज को शिक्षा दी। पिता के आदेश पर राज्य छोड़कर 14 साल के लिए वनवास में जाकर आज्ञाकारी पुत्र की भूमिका अदा की, पर इस दिन उनके भक्त उनको विशेष रूप से याद करते हैं।