मानसाः किसानों और पुलिस में झड़प होने की घटना सामने आई है। देर रात किसानों और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई। दरअसल, संगरूर जिले के किसान बठिंडा के तलवंडी साबो के नजदीक गांव में गुजरात गैस पाइपलाइन का विरोध करने जा रहे थे। मानसा में पुलिस ने नाकाबंदी कर किसानों को रोकने की कोशिश की। इसके बाद किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए लाठी चार्ज किया, जवाब में किसानों ने भी पुलिस पर लाठियां बरसाई।
इस झड़प में कई पुलिस अधिकारी और किसान जख्मी हुए हैं। वहीं इस घटना में 3 SHO जख्मी हुए है। बताया जा रहा है कि SHO भीखी के दोनों हाथ टूट गए। घायलों में SHO गुरवीर सिंह, दलजीत सिंह और जसवीर सिंह शामिल है। दरअसल, गुजरात से जम्मू के लिए डाली जा रही गैस पाइपलाइन के बठिंडा में अधूरे पड़े काम को पूरा करवाने के लिए अब प्रशासन हाई कोर्ट के आदेश के बाद एक्शन मोड पर आ गया है। पाइपलाइन डालने के लिए तलवंडी साबो ब्लाक के गांवों से शुरूआत की जा रही है। किसानों ने अधिक मुआवजे की मांग को लेकर काम शुरू नहीं होने दे रहे। इसलिए कंपनी ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में केस दायर किया है।
मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होनी है। इस कारण अब प्रशासन ने काम शुरू करवाया है। बीते दिन सुबह जब प्रशासन की टीम गांव लेलेवाला में पाइपलाइन डालने के काम करने पहुंची तो किसानों ने उन्हें रोक दिया। विरोध कर रहे करीब 15 किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इस बीच किसानों ने घोषणा की है कि हर वीरवार को गांव में विरोध किया जाएगा। कुछ किसान गांवों में कम और कुछ अधिक मुआवजा देने की बात कर रहे है। जबकि कंपनी ने किसानों की सहमति का दावा करते हुए हाई कोर्ट में केस दायर किया था। कोर्ट ने आदेश दिए थे कि प्रशासन व पुलिस पाइपलाइन डालने के लिए कंपनी का सहयोग करे।
उधर, बीकेयू एकता उगराहां के जिला अध्यक्ष शिंगारा सिंह ने कहा कि पाइपलाइन बिछाने वाली कंपनी खेत मालिक किसानों को कम मुआवजा दे रहे है। कंपनी के अधिकारियों ने जिला प्रशासन की मौजूदगी में लिखित समझौता कर किसानों को 24 लाख प्रति एकड़ मुआवजा देने का वादा किया था लेकिन अब कंपनी वादे से मुकर रही है। कंपनी को सभी किसानों को एक जैसा मुआवजा देना चाहिए। किसी को अधिक मुआवजा दिया जा रहा है तो किसी को कम मुआवजा दिया जा रहा है।