जालंधर, ENS:महानगर में ठगी मारने के मामलों में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। वहीं थाना नई बारादरी के अधीन आते इलाके में फर्जी सीबीआई अफसर ने डिप्टी कमिश्नर पद का ऑफर देकर 90 लाख रुपए ठगे। व्यक्ति ने यह ठगी तहसील में पंजाबी टाइपिस्ट राजन सेठी से की है। पीड़ित ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि आरोपी ने बेटी रवीना को इनकम टैक्स विभाग में डिप्टी कमिश्नर लगाने का झांसा देकर 90 लाख की ठगी की है। आरोपी की पहचान परमिंदर सिंह के रूप में हुई है। मुख्यारोपी परमिंदर सिंह ने खुद को सीबीआई का एडिशनल डायरेक्टर बताकर उनकी बेटी को बड़े आराम से नौकरी दिलवाने का कहकर करीब 3 साल तक झांसा देता रहा।
आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
इस मामले में थाना नई बारादरी की पुलिस ने पीड़ित की शिकायत परनंगलशामा के रहने वाले परमिंदर सिंह, उसके पिता , बहन, भाई और मां के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420 व 120बी के तहत केस दर्ज किया गया है। परमिंदर सिंह ने 60 लाख से ज्यादा की रकम पिता के खाते में ली है।
बेटी के भविष्य के लिए दिए पैसे
शिकायतकर्ता राजन सेठी निवासी मॉडल हाउस ने बताया कि वे तहसील में पंजाबी टाइपिस्ट हैं। सवीना उनकी इकलौती बेटी है जिसके भविष्य के लिए उनके पास अक्सर तिलक राज आते थे नौकर को लेकर हर तरह की एप्लीकेशन टाइप करवाकर ले जाते थे। एक दिन जब पीडित ने उससे अपनी बेटी को सरकारी नौकरी दिलवाने की बात कही तो आरोपी ने कहा कि, अंकल मुश्किल है, लेकिन दोबारा आकर बोला कि आपका काम बन सकता है। आरोपी परमिंदर ने उसे सीबीआई का आईकार्ड दिखाकर कहा कि वो सीबीआई में एडिशनल डायरेक्टर है। पीएम ऑफिस में तैनात सेक्रेटरी सुधीर शर्मा ने उसे अपना बेटा बनाया है। उन्होंने बहुत सारी नौकरियां लगवाई हैं, मगर खर्चा करना होगा। इसके बाद वह नवंबर, 2021 में एडवांस में पैसे और बेटी के डॉक्यूमेंट लेकर चला गया था।
पैसे देने के लिए लिया कर्ज़
पुलिस ने जांच के दौरान परमिंदर और उनके पिता को बुलाया तो वह इस बात से मुकर गए कि उन्होंने कभी खुद को सीबीआई का अफसर नहीं बताया और न ही कार्ड दिखाया। जब सेठी ने खाते में गए पैसे की स्टेटमेंट पेश की तो उनके पास कोई जबाव नहीं था। एसीपी की जांच रिपोर्ट के बाद उक्त फैमिली के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने पुलिस से कहा कि परमिंदर की बहन ने खुद को इनकम टैक्स में काम करने वाली बनकर कॉल करके कहा था कि उनकी बेटी का काम जल्द हो जाएगा।पीडित ने बताया कि पत्नी सरकारी नौकरी से रिटायर्ड हुई थी तो उनके पैसे तिलकराज के खाते में ट्रांसफर कर दिए। एक बार तो परमिंदर ने धर्मशाला में रहते विजय के खाते में पैसे मंगवाए थे।
पीडित ने बताया कि बेटी को नौकरी दिलवाने कि खातिर उसने पत्नी के जेवर गिरवी रखकर 18 लाख कर्ज लेकर पैसे दिए थे। करीब 60 लाख से ज्यादा खाते में दे चुके थे। इतना ही नहीं, पत्नी की पेंशन पर लोन तक लिया। जब कॉल करते तो कह देता था कि एनकाउंटर में है तो कभी कहता कि सीपी से मीटिंग में है। दिसंबर में परमिंदर मिला तो बोला-टेंशन न लो। बेटी जल्द डिप्टी कमिश्नर बनने वाली है। वे उसके घर गए तो माता- पिता ने कहा कि केवल लेटर आना बाकी है।