
चंडीगढ़। कोरोना काल में अभिभावक बच्चों की स्कूल फीस को लेकर परेशान हैं। क्योंकि कोरोना काल में कामकाज बिलकुल ठप पड़ा है। कोरोना काल में स्कूलों ने जहां इस दौरान ना केवल फीस बढ़ाई बल्कि उसकी वसूली के लिए भी कहा, जबकि दूसरी तरफ अभिभावकों का कहना है कि कोरोना संकट में आर्थिक मार झेलने के बाद वे बढ़ी हुई फीस का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं।
आदेशों के अनुसार छात्र के चाहे आनलाइन या फिजिकल क्लास ली हो या नहीं या उसकी फीस पेंडिग हो तो भी स्कूल उस छात्र का नाम नहीं काट सकते हैं। उस छात्र को परीक्षा में बैठने से नहीं रोक सकते हैं। निजी स्कूलों ने 2019-20 के सत्र में जो फीस तय की थी, वही फीस स्कूल सत्र 2020-21 में ले सकते हैं, उसमें बढ़ोतरी नहीं की जा सकती है।
अभिभावकों को पिछले एक साल की फीस स्कूलों को 6 किस्तों में देनी होगी। अगर वह इसमें भी सक्षम नहीं तो वह स्कूल को इस बारे में जानकारी दे सकते हैं। स्कूल सहानुभूति के अनुसार निर्णय लें।