नई दिल्ली। देश में लॉकडाउन लगने के बाद से कई सेक्टर्स तबाह हो गए हैं अनलॉक में भी इन सेक्टरों के कारोबार पर खासा असर पड़ रहा है। ऐसा ही एक सेक्टर्स है सेक्स वर्करों का कारोबार। सेक्स वर्करों को अभी भी कोरोना महामारी की मार झेलना पड़ रहा है। ऐसे में पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने इन सेक्स वर्करों के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को एक खास निर्देश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी राज्य सरकारों को सेक्स वर्करों को राशन उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बद राज्य सरकारों की तरफ से सेक्स वर्करों का राशन कार्ड बनाया जा रहा है। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने भी राज्य के 12 हजार से अधिक सेक्स वर्कर्स को राशन उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
देश की सभी राज्य सरकारों राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सेक्स वर्करों को राशन मुहैया कराएगी। सेक्स वर्करों को इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीका विकल्प दिया गया है। राज्य सरकारों ने जिला प्रशासन को इसके लिए स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सेक्स वर्करों की पहचान और पते को गोपनीय रखा जाएगा।
राज्य सरकार अब इन लोगों को फ्री में हर महीने राशन उपलब्ध कराएगी। इस बाबत झारखंड सरकार ने भी राज्य के सभी उपायुक्तों को सेक्स वर्करों को राशन कार्ड बनाने का आदेश जर दिया है। सेक्स वर्कर्स आवेदन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं। राज्य की जिला आपूर्ति कार्यालयों, प्रखंड आपूर्ति कार्यालयों और पंचायत कार्यालयों में आवेदन किए जा सकते हैं। झारखंड सरकार की पोर्टल www.aahar.jharkhand.gov.in पर भी सेक्स वर्कर्स ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
गौरतलब है कि राशन कार्ड भारत सरकार की एक मान्यताप्राप्त सरकारी डॉक्यूमेंट है। राशन कार्ड की सहायता से लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत उचित दर की दुकानों से खाद्यान्न बाजार मूल्य से बेहद कम दाम पर खरीद सकते हैं। राशन कार्ड बनाना राज्य सरकारों की जिम्मेवारी है। राशन कार्ड बनाने के लिए आईडी प्रूफ के तौर पर आधार कार्ड, सरकारी बैंक में खाता, वोटर आई कार्ड, पासपोर्ट, सरकार के द्वारा जारी किया गया कोई अन्य आई कार्ड, हेल्थ कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस में कोई एक हो तो आप राशन कार्ड बना सकते हैं।