एसडीएम ने बताया कि वर्तमान समय में कम्पयूटर और मोबाइल का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। प्रत्येक कार्य को सुगमता के साथ करने के लिए कम्पयूटर और ऑनलाईन सुविधा से जोड़ा जा रहा है। ऑनलाईन प्रक्रिया की सम्पूर्ण जानकारी के अभाव में लोग आय दिन साइबर क्राइम और डिजिट धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम लालच में आकर अपने निजी जानकारी दूसरों के साथ शेयर कर देते हैं जिस कारण दिन प्रतिदिन यह अपराध बढ़ता जा रहा है। इस अपराध को रोकने के लिए सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है कि जन-जन को साइबर क्राइम के बारे में संदेश दिया जाए और इससे बचने के सुझाव लोगों तक पहुंच जाएं। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग साइबर के बारे में जागरूक रहे और और इससे बचें।
शिविर में उपस्थित लोगों को साईबर क्राइम बारे जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम एक ऐसा अपराध है जिसमें कंप्यूटर या मोबाइल का उपयोग करके ऑनलाइन निजी जानकारी को प्राप्त करते हैं। और उसका गलत इस्तेमाल करते हैं उसी को साइबर क्राइम कहते हैं। इसके माध्यम से वह किसी भी यूजर की पर्सनल जानकारी, बैंक डिटेल, आधार डिटेल को चोरी करते हैं तथा उसके बाद साइबर क्राइम करते हैं।
साइबर क्राइम से कैसे बचे
किसी भी वेबसाइट पर अपनी पर्सनल डिटेल शेयर न करें। अपनी पर्सनल इनफॉरमेशन को ऑनलाइन पब्लिश करने से बचना चाहिए। किसी भी सॉफ्टवेयर या ऐप को डाउनलोड करने से पहले अच्छे से कंफर्म कर लें कि वह सही है या कोई फेक ऐप तो नहीं है। किसी भी ऑनलाइन स्कीम जिसमें पैसे जीतने और प्राइज मिलने की बात हो तो उसके लालच में न आएं।
साइबर क्राइम होने के बाद क्या करें
अगर किसी के साथ साइबर क्राइम होता है तो वह सबसे पहले 1930 नंबर डायल करके कॉल करें और वहां पर शिकायत करें तथा जिस नंबर से आपको फोन आया है वह फोन नंबर और यू डी आरआईडी जिससे अपने पैसे ट्रांसफर किए हैं तथा उसका स्क्रीनशॉट अपने पास जरूर रखें या फिर भारतीय साइबर क्राइम के फोन नंबर 1800 209 6789 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इस मौके पर सीडीपीओ ऊना कुलदीप सिंह दयाल, सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।