
चंडीगढ़ः शंभू बॉर्डर खोले जाने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि शंभू बॉर्डर पर यथास्थिति बरकरार रखी जाए। उन्होंने आगे कहा कि सरकार को इस मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति बनानी चाहिए और इसमें राज्य सरकार और कृषि विशेषज्ञों को शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार से नाम भेजने को कहा है। एक सप्ताह के बाद सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम भी आम लोगों की परेशानी को समझते हैं लेकिन बॉर्डर पर 500 से 600 ट्रैक्टर ट्रॉली (जो पंजाब से दिल्ली जाना चाहते हैं) हैं। कोर्ट ने कहा कि आप किसानों से बातचीत का रास्ता निकालें। वहीं एसजी मेहता ने कहा कि हमें किसानों के दिल्ली आने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उनका ट्रैक्टर ट्रॉली और जेसीबी के साथ आना तनाव पैदा करता है। एसजी मेहता ने आगे कहा कि आप सोते हुए को तो जगा सकते हैं लेकिन जो पहले से जाग चुका है उसे आप नहीं जगा सकते।
हरियाणा की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ट्रैक्टर, ट्रॉली और जेसीबी को हाईवे पर चलाने की इजाजत नहीं है। दरअसल ट्रैक्टर ट्रॉली को युद्धक टैंक में तब्दील कर दिया गया है। इन मॉडिफाइड गाड़ियों को देखिये तो लगेगा कि सड़क पर टैंक आ गये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक कमेटी बनाने पर विचार करेंगे जो सभी पक्षों और किसानों से बात करेगी और समस्या का समाधान निकालेगी। कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब से कमेटी के लिए योग्य व्यक्तियों के नाम सुझाने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया है। शंभू बॉर्डर फिलहाल नहीं खुलेगा।