
लुधियाना : सिविल अस्पताल के मरीज टेस्टिंग लैब से रिपोर्ट न मिलने के कारण बेहद परेशान है। शुक्रवार सुबह से शनिवार शाम तक 250 से 300 मरीजों की रिपोर्ट लैब में पेडिंग पड़ी है। अमेरिकी एंटी-वायरस कंपनी क्राउडस्ट्राइक के एक सॉफ्टवेयर अपडेट का असर माइक्रोसॉफ्ट पर पड़ा। इससे शुक्रवार को सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले दुनियाभर के 95% कंप्यूटर ठप पड़ गए। शनिवार सुबह भी कई मरीज अपने टेस्ट की रिपोर्ट लेने आए। लेकिन उन्हें खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। ये हाल अकेला कृष्णा लैब का नहीं है। शहर भर में कई ऐसे संस्थान है जिनके सिस्टम पूरी तरह से ठप है।
कृष्ण लैब सिविल अस्पताल के इंचार्ज महेश ने बताया कि साफ्टवेयर की दिक्कत के कारण मरीजों की रिपोर्ट निकलने में बेहद दिक्कत आ रही है। सिस्टम के शुरू होते ही तुरंत लोगों की मैडिकल रिर्पोट को निकाला जाएगा। लोगों से भी अनुरोध है कि वह शांति बनाकर रखे। बात करें इस साफ्टवेयर अपडेट की तो इससे दुनियाभर की तो एयरपोर्ट, फ्लाइट, ट्रेनें, हॉस्पिटल, बैंक, रेस्तरां, डिजिटल पेमेंट, स्टॉक एक्सचेंज, टीवी चैनल से लेकर सुपर मार्केट जैसी जरूरी सेवाओं की गति धीमी हो गई है। क्राउडस्ट्राइक के सॉफ्टवेयर अपडेट के कारण कंप्यूटर स्क्रीन पर नीले बैकग्राउंड के साथ मैसेज दिखा। इसे ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ कहा जाता है।
ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ एक क्रिटिकल एरर स्क्रीन है जो विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर दिखाई देती है। जब यह एरर आता है, तो कंप्यूटर ऑटोमेटिकली रिस्टार्ट हो जाता है। डेटा खोने की भी संभावना रहती है। इस आउटेज के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने तुरंत कहा कि यह एक “थर्ड पार्टी इश्यू” है। दूसरे शब्दों में- ये उसकी गलती नहीं थी। माइक्रोसॉफ्ट के पास समस्या से निजात पाने का कोई ‘प्लान बी’ नहीं था। वह इंतजार करती रही कि खुद साइबर सिक्योरिटी फर्म इसे दूर करेगी। यह खतरनाक स्थिति है। आर्थिक तंत्र के अहम घटकों की माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर अत्यधिक निर्भरता है। ऐसा नहीं है कि इसके विकल्प नहीं है। कई कंपनियां ‘लाइनेक्स’ और ‘मेक’ का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन एयरलाइन और दूसरे उद्योग यह मानकर चल रहे थे कि माइक्रोसॉफ्ट में गड़बड़ी नहीं आ सकती।