
हांसीः हरियाणा के हांसी में देर रात पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़ हुई। दरअसल, उमरा रोड पर दोनों तरफ से हुई फायरिंग में 3 बदमाश गोलियां लगने से घायल हुए है। तीनों को उपचार के लिए हांसी के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्हें अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, तीनों बदमाश JJP नेता रविंद्र सैनी की हत्या में शामिल थे। बदमाशों की पहचान जींद के रहने वाले सचिन उर्फ मगतू, रोहतक के खरक जाटान निवासी योगेश उर्फ सुक्खा और भिवानी के पिजोखरा के रहने वाले विकास उर्फ काशी के रूप में हुई है।
पुलिस के अधिकारी अस्पताल में पहुंचे हैं। अधिकारी मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी जाएगी। रविंद्र सैनी हत्याकांड में पुलिस इससे पहले मास्टरमाइंड विकास उर्फ विक्की नेहरा समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस का मानना है कि इस हत्याकांड में 10 से ज्यादा लोग शामिल है। रविंद्र सैनी की हत्या पुरानी रंजिश में की गई थी। हांसी में हीरो एजेंसी के मालिक और JJP नेता रविंद्र सैनी की 10 जुलाई की शाम 6 बजे शोरूम के बाहर 3 शूटरों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। शूटरों का एक साथी कुछ दूरी पर बाइक पर इंतजार कर रहा था। इनके भागने की CCTV फुटेज भी सामने आई थी।
व्यापारियों ने हत्या के विरोध में हांसी बंद का आह्वान किया। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 4 आरोपियों को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों की पहचान हांसी की वकील कॉलोनी निवासी प्रवीन (32), राजस्थान के खिवाड़ा पानी निवासी प्रवीन (40), हांसी के सिसाय कालीरावण निवासी रविंद्र (29) और नारनौंद निवासी रमेश उर्फ योगी शिवनाथ (40) के रूप में हुई। इसके बाद पुलिस मास्टरमाइंड विकास नेहरा को जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई।
SIT इंचार्ज DSP मुख्यालय हांसी धीरज कुमार ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि गत दिनों पहले जेल में बंद विकास उर्फ विक्की नेहरा से मुलाकात के दौरान रविन्द्र सैनी की हत्या करने की साजिश रची थी। रविंद्र सैनी की हत्या के विरोध में शुक्रवार 12 जुलाई को हांसी बंद रहा था। 12 जुलाई को ही सुबह से चंडीगढ़ में प्रतिनिधि मंडल की मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ बैठक हुई। मामले में मुख्यमंत्री द्वारा परिवार की 3 मांगों पर सहमति पर शव लेने पर सहमति बनी। 48 घंटे बाद शव का अंतिम संस्कार 12 जुलाई को शाम को कर दिया गया।