नई दिल्लीः दुनिया भर में फेसबुक (Facebook), इंस्टाग्राम (Instagram) और व्हाट्सएप (WhatsApp) लोगों के बीच काफी पसंद किया जाता है। ये सिर्फ लोगों के बीच बातचीत का जरिए ही नहीं बल्कि कई ऑफिशियल कामों के लिए भी एक अच्छा माध्यम बन चुका है। हालांकि, मेटा के स्वामित्व वाला व्हाट्सएप पिछले कुछ दिनों से खबरों में बना हुआ है और इसे लेकर खबर है कि वो भारत को छोड़कर जा सकता है। इसके पीछे की वजह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन प्राइवेसी फीचर है, जो कि भारत सरकार के 2021 सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के खिलाफ है।
ये हैं 5 पॉइंट्स
व्हाट्सएप के अनुसार अगर एंड टू एंड एन्क्रिप्शन फीचर को हटाने के लिए अगर भारत का दबाव होगा, तो हम भारत से अलविदा कह देंगे।
आईटी नियमों 2021 के नियम 4 (2) के तहत भारत सरकार और व्हाट्सएप के बीच जंग चल रही है। इस नियम के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जानकारी देनी होगी कि सबसे पहले किसने और कहां से मैसेज भेजा है।
मेटा ने भारत के आईटी नियम 2021 को चुनौती दी है। इसे लेकर WhatsApp ने कोर्ट में कहा था कि वो वायरल खबरों को लेकर पहले ही एक्शन ले चुका है। हालांकि, यूजर्स के राइट टू प्राइवेसी के तहत कंपनी अपने एंड टू एंड एन्क्रिप्शन को नहीं हटा सकती है। व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा है और अगर भारत से व्हाट्सएप जाता है, तो फेसबुक और इंस्टाग्राम भी यहां से जा सकते हैं।
भारत में व्हाट्सएप एक जरूरी प्लेटफॉर्म बन चुका है। आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में 2.78 बिलियन यूजर्स के बीच इस प्लेटफॉर्म का यूज होता है। इस आंकड़े में सबसे ज्यादा भारतीय यूजर्स शामिल हैं। मेटा के लिए भारत सबसे जरूरी इसलिए हो जाता है क्योंकि 535.8 मिलियन भारतीय यूजर्स हैं।
फरवरी 2019 में WhatsApp की शुरुआत की गई थी। इसके शुरुआती वर्जन में क्रैश की समस्या होने लगी थी, जिसके बाद अगस्त 2029 में WhatsApp 2.0 को आईफोन ने रिलीज किया औक 250000 लोगों द्वारा डाउनलोड किया गया जिसके बाद इसे 2010 में एंड्रॉइड यूजर्स के लिए भी पेश किया गया। इसके बाद से ही लोगों के बीच व्हाट्सएप पसंद किया जा रहा है। वक्त के साथ इसके कई बिलियन यूजर्स हो चुके हैं।
फिलहाल, देखना होगा कि क्या भारत सरकार और व्हाट्सएप के बीच की जंग के कारण क्या इंस्टाग्राम और फेसबुक पर भी असर पड़ेगा और क्या ये भी व्हाट्सएप के साथ भारत को छोड़कर जा सकते हैं।