संत सीचेवाल ने नदी की सफाई के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया
काली नदी पूर्वी गंगा में 8 जिलों से होकर बहती
कपूरथला/चंद्रशेखर कालिया: मदन मोहन मालवीय अनुसंधान संस्थान के तत्वावधान में वाटर कॉग्निजेंट फाउंडेशन ने मेरठ में बहने वाली काली नदी को पुनर्जीवित करने के लिए यहां एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें उनके द्वारा भेजे गए आमंत्रण पर हाजिरी लगायी गयी और नदी की स्थिति का जायजा लिया गया. संस्था के सदस्यों ने बताया कि यह काली नदी पूर्वी गंगा की एक सहायक नदी है जो यूपी के 8 क्षेत्रों से होकर बहती है और इसके साथ ही 1200 से अधिक गांव हैं जो पूरी तरह से इस काली नदी पर निर्भर हैं. लेकिन पिछले दो दशकों में इसने अपने किनारों पर कचरा डंप करना शुरू कर दिया है, जिससे नदी मौत के कगार पर आ गई है. जो नदी कभी 1200 गांवों के लिए पानी का स्रोत थी, वह अब बीमारियों और मौत का स्रोत बन गई है।
संत सीचेवाल ने मौके की परिस्थितियों को देखते हुए चरणछोह में बाबा नानक की पवित्र नदी का जिक्र किया और कहा कि यह नदी जो 80 के दशक में गंदी नहर बन गई थी। कारसेवा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पवित्र काली वेई का सुंदर रूप लोगों के बदले हुए मन पर लोगों द्वारा किए गए निस्वार्थ कारसेवा का एक उदाहरण है और आज फिर अपने पुराने रूप में बह रही है। इसलिए इसे साफ करने के लिए सबसे पहले हमें लोगों को इसके प्रति जागरूक करना होगा और उनका सहयोग प्राप्त करना होगा। इस अवसर पर संत सीचेवाल ने उन्हें पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। राजिंदर अग्रवाल सदस्य संसद को पर्यावरण चयन का घोषणा पत्र भी सौंपा गया और पंजाब में गठित पंजाब पर्यावरण जागरूकता आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा समय की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘पार्टियों के नेताओं और उनके समर्थकों से पूछिए जो वोट मांगने आए हैं, जहां उनके हिस्से का स्वच्छ भोजन, हवा और पानी चला गया है। उन्होंने कहा कि इस बार हमें वोट का राजनीतिकरण करने की बजाय पर्यावरण को प्राथमिकता देनी चाहिए. इस अवसर पर सांसद राजिंदर अग्रवाल ने आश्वासन दिया कि वह आने वाले चुनावों में पर्यावरण के मुद्दे को एक प्रमुख मुद्दे के रूप में उठाएंगे और इसे अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेंगे।इस अवसर पर राम विदिरे जल शक्ति विभाग, भारत सरकार, विनोद कुमार निरंजन सिंचाई विभाग, उ0प्र0 सरकार, डॉ. डॉ मीना कुमारी जांगीर दीनदयाल अनुसंधान विभाग नई दिल्ली जयमाला प्रो. सीसीएस यूनिवर्सिटी मेरठ, प्रियक भारती, डॉ. अमित गोस्वामी, प्रो. नदीम खलील, डाॅ. अवधेश प्रताप जल विधि विशेषज्ञ श्री डीके शर्मा आदि उपस्थित थे।