शिमलाः हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने भारी तबाही मचाई है। इससे जान-माल का खासा नुकसान हुआ है। मौसम अब भी खराब बना हुआ है, आने वाले कुछ दिनों तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। कई स्थानों में भारी बारिश का दौर जारी है। भूस्खलन और खराब मौसम की वजह होने वाली दुर्घटनाएं हर रोज हो रही हैं। अब तक के आकलन के अनुसार प्रदेश में 998 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। वहीं 374 लोगों की मौत हो चुकी है।
देवभूमि में इस बार बरसात मौत लेकर बरसी है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस बार मानसून में 13 जून से 10 सिंतबर तक 374 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 लोग अब भी लापता हैं। किन्नौर जिले में 4, कुल्लू में 3, लाहौल-स्पीति और चंबा में 2-2, कांगड़ा और सोलन में 1-1 व्यक्ति अब भी लापता हैं।
मानसून की इस तबाही के दौरान 664 मवेशियों की मौत हुई है। 45 पक्के और 106 कच्चे मकान जमींदोज हुए हैं। इसके अलावा 130 पक्के और 644 कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा है। 374 में से 189 लोग सड़क पर हुए हादसों में मारे गए हैं। भूस्खलन से 53 और अचानक आई बाढ़ में 10 लोगों की मौत हुई है। 33 लोग ऐसे हैं जिनकी डूबने से मौत हुई है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून सामान्य चल रहा है, लेकिन कई इलाकों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। प्रदेश के कुछ इलाकों में औसतम कम बारिश हुई है। अचानक तेज बारिश से अधिकतर नुकसान हुआ है। राज्य सरकार नुकसान का आकलन कर रही है।