
पुणेः देश में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है। कोरोना के बढ़ने का कारण लोगों की ओर से बरती जा रही लापरवाही को बताया जा रहा है। लेकिन यहां देखने वाली यह बात है कि कोरोना मामले पुणे में भी बढ़ रहे हैं। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स यानि रहने के हिसाब से पुणे को देश में दूसरा सबसे बेहतरीन शहर माना गया है। यहां पर साक्षरता दर 89.45% है जबकि यहां पर IT प्रोफेशनल और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज का दबदबा है। इस जगह पर काफी पढ़े लिखे लोग रहते हैं जो कोरोना गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करते हैं। इसके बावजूद पुणे में पिछले 10 दिनों के दौरान औसतन 3 हजार के करीब कोरोना के मामले सामने आए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे के अंदर राज्य में 5098 नए केस सामने आए हैं, जबकि 6 लोगों की मौत हो गई है। नए संक्रमित मरीज मिलने के मामले में पुणे का देश में अब पहला स्थान है। पुणे के बाद नागपुर और मुंबई का नंबर आता है। ऐसे में यह जानने का विषय है कि आखिर पुणे में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या इतनी तेजी से क्यों बढ़ रही है।
CMC के मेडिकल ऑफिसर पवन साल्वे ने बताया कि शहर के न्यूनतम और अधिकतम तापमान में काफी अंतर है। तापमान में इतना बड़ा बदलाव होने के कारण लोगों का इम्यून प्रभावित हो रहा है। इम्यून सिस्टम बिगड़ने की वजह से लोग फ्लू की चपेट में आसानी से आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में जो लोग कॉमन फ्लू से पीड़ित हुए हैं उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बता दें कि शुक्रवार को पुणे के शिवाजी नगर में अधिकतम तापमान 37.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इस तरह से देखें तो अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच तकरीबन 20 डिग्री सेल्सियस का अंतर था।
दिन और रात के तापमान में काफी अंतर होने के कारण लोगों को इम्यून प्रभावित हो रहा है। >>होम क्वारंटीन के 70 प्रतिशत मरीजों की लापरवाही के कारण में कोरोना केस बढ़ रहे हैं। >>देश में कोरोना वैक्सीन आने के बाद लोग के अंदर से कोरोना का डर लगभग खत्म हो गया है। >>पुणे में बढ़ता शहरीकरण और सड़कों पर बढ़ता ट्रैफिक भी कोरोना के बढ़ने का कारण है। >>पुणे में कोरोना की टेस्टिंग ज्यादा होने से मरीजों का पता चल रहा है। >>कोरोना के मामले कम होने के बाद लोग पार्टी, शादी और एक दूसरे से मिलने लगे।