
मुम्बई। महाराष्ट्र में शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका दिया है। जलगांव नगर पालिका में बीजेपी खेमे के 27 निगम पार्षद पाला बदलकर शिवसेना के साथ चले गए हैं। इसके साथ ही यहां शिवसेना का कब्जा हो गया है। आपको बता दें कि गुरुवार को मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव हुए थे। दोनों ही पदों पर शिवसेना ने विजयी पताका लहराया है।
सांगली-मिरज-कुपवाड़ नागर पालिका हाथ से जाने के बाद यह बीजेपी के लिए दूसरा बड़ा झटका है। सांगली में राकांपा-कांग्रेस गठबंधन को जीत मिली है। जलगांव के वरिष्ठ भाजपा नेता गिरीश महाजन का इस क्षेत्र में और नगरपालिका पर कब्जा था।
मेयर और डिप्टी मेयर पर के लिए कोरोना के कारण यहां ऑनलाइन चुनाव आयोजित किए गए थे। जलगांव में भाजपा का साथ छोड़ने वाले पार्षदों को ठाणे के एक अलग होटल में रखा गया था। वहीं से उन्होंने वोटिंग में हिस्स लिया। यहां मेयर पद पर शिवसेना के उम्मीदवार जयश्री महाजन जीते, जबकि कुलभूषण पाटिल ने डिप्टी मेयर पद का चुनाव जीता।
2018 के निकाय चुनाव में, भाजपा ने 75 में से 57 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया था। जबकि शिवसेना को सिर्फ 13 सीटें मिली थीं। 27 पार्षदों के साथ छोड़ने के बाद बीजेपी यहां अल्पमत में आ गई और शिवसेना की ताकत बढ़कर 40 पार्षदों की हो गई। मेयर चुनाव में निर्दलीय पार्षदों ने भी शिवसेना को अपना समर्थन दिया।
शिवसेना नेता और राज्य मंत्री एकनाथ शिंदे ने यहां की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। शिवसेना के नेताओं का दावा है कि नगर निगम के पार्षदों ने भाजपा को खारिज कर दिया क्योंकि इसने उन्हें उनका हक नहीं दिया। जलगांव के संरक्षक मंत्री गुलाबराव पाटिल ने कहा कि पार्षद शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के संपर्क में थे।
पाटिल ने कहा, “बीजेपी ने इन पार्षदों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया। उनके नेता अपने पार्षदों के नाम तक नहीं जानते थे इसलिए इनमें नाखुशी बढ़ रही थी। वे पार्टी अध्यक्ष और एकनाथ शिंदे के संपर्क में थे। इसलिए आज हमारे पास इस निगम में हमारा भगवा झंडा है।”